Rajyog 2024 :कुंडली में है यह राजयोग तो बदलेगी किस्मत, बनेंगे राजा, धन दौलत, ऐश्वर्य और तरक्की के योग

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Rajyog 2024, MahaBhagya Rajyog, Astrology : ज्योतिष शास्त्र में महाभाग्य राजयोग को अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली योगों में गिना जाता है। इस योग के बारे में कहा जाता है कि यह जातक के जीवन में अपार भाग्य और सफलता की गारंटी देता है। जैसे नाम से ही स्पष्ट है, ‘महाभाग्य’ का अर्थ है ‘महान भाग्य’ या ‘अपार भाग्य’, जो व्यक्ति को जीवन में वह सब कुछ दिलाता है, जिसकी वह इच्छा करता है। यह योग एक दुर्लभ और शुभ योग होता है, जो जातक को युगपुरुष बना सकता है और उसके जीवन को सुखमय बना सकता है।

महाभाग्य योग का निर्माण

महाभाग्य योग तब बनता है जब जातक की कुंडली में लग्न, सूर्य और चंद्रमा विषम राशियों (मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु या कुम्भ) में स्थित हों और जातक का जन्म दिन के समय हुआ हो। इस स्थिति में सूर्य जातक के भाग्य को प्रबल करता है और उसे जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। हालांकि, यदि पुरुष का जन्म रात में होता है, और उस समय पूर्णिमा हो, तो भी महाभाग्य योग प्रभावी होता है। पूर्णिमा की रात में जन्मे जातक के लिए चंद्रमा भाग्य बल का रक्षक होता है।

स्त्रियों के लिए, यदि जन्म रात के समय होता है और लग्न, सूर्य और चंद्रमा सम राशियों में स्थित होते हैं, तो भी महाभाग्य योग बनता है। इसके अलावा, यदि सूर्य स्वराशि सिंह या मेष में स्थित हो और जन्म दिन में हुआ हो, तो भी महाभाग्य योग का प्रभाव प्राप्त होता है। अनुभव के आधार पर, यदि लग्न, सूर्य और चंद्रमा विषम राशियों में स्थित हों (पुरुषों के लिए) और सम राशियों में स्थित हों (स्त्रियों के लिए), तो भी भाग्य बल का विशेष सहयोग प्राप्त होता है।

महाभाग्य राजयोग के प्रभाव

जब महाभाग्य योग बन रहा होता है और साथ ही लग्न या लग्नेश, सूर्य या चंद्रमा द्वारा कोई विशेष राजयोग भी विषम राशियों में निर्मित हो, तो यह योग और भी प्रभावी हो जाता है। यदि सूर्य मेष या सिंह राशि में स्थित हो, बुधादित्य योग बना हो, और सूर्य तथा बुध में 10° से अधिक का अंतर हो, तो भी यह योग विशेष प्रभावी माना जाता है। इसके अतिरिक्त, यदि लग्नेश और भाग्येश विषम राशियों में स्थित हों और लग्नेश अधिहित राशि का स्वामी भी विषम राशि में हो, तो महाभाग्य योग की प्रबलता अत्यधिक होती है। इस योग के प्रभाव से भाग्य असाधारण रूप से जातक का साथ देता है और जीवन को चमकदार बना देता है।

सूर्य के साथ अन्य ग्रहों का प्रभाव

महाभाग्य योग में सूर्य का अन्य ग्रहों के साथ संयोजन भी महत्वपूर्ण होता है। जब सूर्य अच्छे कर्म किए हुए जातकों के साथ संयोजित होता है, तो यह उन्हें जीवन में कई प्रकार की सुख-सुविधाएँ और विलासिताएं प्रदान करता है। इस योग को शुभ माना जाता है क्योंकि इसकी विद्यमानता जीवन में असाधारण उपलब्धियाँ लाती है। हालांकि, यह योग केवल कुछ ही राशियों को प्राप्त होता है। सूर्य का प्रभाव कुंडली में शुभ अथवा अशुभ ग्रहों के संयोजन पर निर्भर करता है। यदि सभी ग्रह शुभ हैं, तो व्यक्ति अच्छा भाग्य प्राप्त करता है; लेकिन यदि ग्रह अशुभ हैं, तो परिणाम बाधादायक भी हो सकते हैं।

महाभाग्य राजयोग की विशेषताएँ

महाभाग्य राजयोग के प्रभाव से जातक के जीवन में कई विशेषताएँ देखी जाती हैं। इस योग के प्रभाव में जातक की प्रगति निरंतर बढ़ती रहती है और उसकी कर्मसिद्धि सबको चौंका देती है। जातक मानता है कि उसके साथ एक अदृश्य शक्ति है, जो उसके काम को आसान बनाती है। परदेश में रहते हुए भी, जातक को स्थानीय लोगों से वही सहयोग मिलता है, जैसे कि वह अपने देश में हो।

महाभाग्य योग से धन की देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है, जिससे जातक की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा, महाभाग्य योग वाले लोग समाज में अत्यधिक लोकप्रिय होते हैं और उनकी मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। इस योग के प्रभाव से जातक जीवन का पूरा आनंद लेता है और उसकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती है। महाभाग्य योग में जन्मे जातक अक्सर रूपवान, दयालु, धर्मात्मा और दार्शनिक होते हैं। वे समृद्ध परिवार से होते हैं और उनके चरित्र में अच्छाई होती है। उनके व्यक्तित्व में ऐसा प्रभाव होता है कि वे दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं।