अपने इष्ट की पूजा में नाम के साथ गोत्र का उच्चारण करने से होती हैं समुचित फल की प्राप्ति



अध्यात्म डेस्क. पूजा पाठ में विधि विधान का काफी महत्व होता हैं, माना जाता हैं कि पूरे विधि विधान से पूजा की जाए तो उसका समुचित फल प्राप्त होता हैं, देवी देवताओं की उपासना के साथ इष्ट देव की उपासना करने से आपका कल्याण हो सकता हैं लेकिन ये कल्याण तभी होगा जब आप अपने इष्ट की पूजा के समय अपने नाम के साथ अपने गोत्र का नाम भी लेवे।

रायपुर के प्रसिद्ध महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला बताते है कि उपरोक्त पंचांग को प्रतिदिन अपने इश्क के पूजन पाठ आदि के समय नाम तथा गोत्र के साथ उच्चारण करने पर आपके द्वारा किए गए पूजन पाठ का समुचित फल प्राप्त हुआ क्योंकि घर तथा मंदिर आदि किसी की जगह पूजन के पूर्व ही संकल्प करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है।