जबलपुर. बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों खूब चर्चा में है। लोग उनके दर्शन पाने उनकी कथा सुनने को आतुर होते हैं और बात अगर उनसे मिलने की या दर्शन करने की हो तो लोग अपनी जान की परवाह भी नही करते हैं। खबर है कि धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन न होने से जबलपुर की एक महिला ने आत्महत्या कर ली। महिला इस बात से दुखी थी कि उसका पति उसे धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में नहीं ले जा पाया था। अपने पीछे दो मासूम बच्चों को छोड़कर महिला ने मौत को गले लगा लिया। महिला के जाने के बाद उसका परिवार मातम में डूबा हुआ है।
जबलपुर में 25 से 31 मार्च तक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा आयोजित की गई थी। अधारताल थाना क्षेत्र के कंचनपुर निवासी सुनील चौधरी ने बताया कि वह पत्नी, दो बच्चों और अपनी मां के साथ रहते हैं। बुजुर्ग मां को गंभीर बीमारी है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वे जैसे-तैसे परिवार चलाते हैं और दोनों बच्चों को पढ़ा रहे हैं। साथ ही, अपनी बीमार मां का इलाज भी करवा रहे हैं।
एक रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि सुनील की पत्नी पल्लवी चौधरी रोज मोबाइल पर बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचन सुनती थी और घर की समस्याओं को खत्म करने के लिए जो उपाय वह बताते थे, उनको मानती थी।
महिला बागेश्वर धाम के महंत की अंधभक्त थी। 27 मार्च को उसने अपने पति से जिद की थी कि उसे पनागर में होने वाली भागवत कथा में जाना है। इसी दिन सुनील अपनी बीमार मां का इलाज करवाने के लिए अस्पताल लेकर चला गया और डॉक्टर के ना मिलने की वजह से आने में देर हो गई। घर में प्रवचन के लिए जाने को तैयार पल्लवी ने सुनील की परिस्थिति को समझे बिना ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
नासमझी की वजह से उजड़ गया एक परिवार
अधारताल थाना के एएसआई अनिल कुमार के मुताबिक, घटना के तुरंत बाद पति ने आस-पड़ोस के लोगों के साथ मिलकर घर का दरवाजा तोड़ा। पल्लवी को फांसी के फंदे पर लटका हुआ देख उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची अधारताल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, कहा जा रहा है कि जरा सी नासमझी के कारण एक हंसता-खिलखिलाता परिवार उजड़ गया. इस तरह की अंधभक्ति जानलेवा साबित हुई।