महाशिवरात्रि स्पेशल: छत्तीसगढ़ के गंगेश्वर धाम की बड़ी मान्यता, शंकर जी के जटाओं से निकले पानी में है जीवन

Dantewada: जिले के बैलाडिला पहाड़ियों में समुद्र तल से 3000 फीट की ऊंचाई पर विराजे हैं भगवान गंगेश्वर। इनकी जटाओं से गंगा निकलती हैं। जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर किरंदुल नगर से होते हुए आप पहाड़ियों में एनएमडीसी की 11बी लौह अयस्क की खदान की तरफ जाएंगे तो रास्ते में भगवान गंगेश्वर जी के दर्शन आपको हो जाएंगे।

यहां हर वर्ष महाशिवरात्रि के दौरान भव्य मेला लगता है। जिस में शामिल होने दूरदराज से हजारों लोग पहुंचते हैं। यहां आप ऊपर की ओर जाएंगे तो आपको तपोवन मिलेगा जहां हनुमान जी तपस्या करते हुए मुद्रा में बैठे हैं।

IMG 20230217 WA0026

आसपास हरी-भरी पहाड़ियां जंगल के बीच शिव जी विराजमान है। यहां पर पाताल भैरवी भी है। जहां पहाड़ियों के अंदर से गंगा निकल रही है। जिससे क्षेत्र के हजारों लोगों की प्यास बुझती है। लोगों का मानना है यहां कोई भी मन्नत बाबा गंगेश्वर से मांगी जाए तो वह पूरी होती है। दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं और संतान, नौकरी अपने बच्चों की शादी के लिए मन्नत मांगते हैं, जो पूरी होती है।

सावन में यहां से कावड़िया गंगा जल भरकर हर सोमवार को अलग-अलग शिवालय में यहां का जल चढ़ाते हैं।यहां के जल को मां गंगा नदी के जैसा पवित्र माना जाता है। क्योंकि यहां 12 महीना 24 घंटा पहाड़ियों के अंदर पाताल भैरवी से पानी निकलता है। जिसे लोग गंगा मां कहते हैं। इसलिए इस पवन शिवाले का नाम गंगेश्वर पड़ा। शिवरात्रि की तैयारी समिति के लोग जोर-शोर से कर रहे हैं। क्योंकि यहां विशाल भंडारे के साथ बहुत बड़ा मेला लगता है।

IMG 20230217 WA0027

बता दें कि, आदिवासियों का कहना है कि एनएमडीसी स्थापना से पहले से ही इन पहाड़ियों की रक्षा देवी देवता कर रहे हैं। 85 वर्ष की बुजुर्ग आयती बाई ने आज से 50 वर्ष पूर्व इस जगह नंदराज और पतालभैरवी कि पूजा की औऱ छोटा सा मंदिर बनाया। जिसके बाद यहां से गंगा प्रगट हुई और आज इस जल से पूरे क्षेत्र की प्यास बुझ रही है। हज़ारों लोगो का मानना है कि जब तक गंगेश्वर जी का आशीर्वाद है तब तक इन पहाड़ियों से गंगा जल निकलता रहेगा और लोगों को जीवन मिलेगा।