Kalyug Prediction : कब खत्म होगा कलियुग? क्या होगी इसकी चरम सीमा, धरती पर 30 वर्ष स्वर्गलोक में 1 महीने के बराबर, विष्णु पुराण की भविष्यवाणियों में कई रहस्य

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Kalyug Prediction, kaliyug, Kalyug ka Ant, Kalyug Rahashya, Kalyug Alert, Vishnu Puran : हमारे समाज में अक्सर यह प्रश्न उठता है कि कलियुग कब समाप्त होगा? इस सवाल का उत्तर ढूंढ़ने के लिए हम विष्णु पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों की ओर देखते हैं। जब दुनिया में असीम दुख, पाप और कष्ट बढ़ते जा रहे हैं। तब मानवता के लिए एक बेहतर भविष्य की कल्पना करना स्वाभाविक है। विष्णु पुराण में कलियुग के अंत से जुड़ी भविष्यवाणियों का उल्लेख है, जो हमें इस युग की समाप्ति की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं।

कलियुग का आगमन

महाभारत के समापन के बाद की घटनाएं जैसे श्रीकृष्ण का मानव शरीर को छोड़ना, पांडवों का स्वर्गारोहण, और यदुवंशी कुल का विनाश, इन सब ने कलियुग के आगमन का संकेत दिया। कलियुग की शुरुआत 3102 ईसा पूर्व में मानी जाती है। इसके अनुसार अभी तक कलियुग के लगभग 5126 वर्ष बीत चुके हैं। इसका मतलब है कि कलियुग के समाप्त होने में अभी भी 426882 वर्ष बाकी हैं।

कलियुग की विशेषताएँ

विष्णु पुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, और भविष्यपुराण में कलियुग की विशेषताएँ वर्णित हैं। कलियुग का अर्थ होता है “काला युग”, जहां सभी रंग और सच की पहचान मिट जाती है। यह युग कष्ट, कलह, और असंतोष का समय है। इसमें मानवता के मूल्यों का ह्रास होता है और लोग एक-दूसरे के प्रति द्वेष और नफरत की भावना रखते हैं।

स्वर्गलोक और भूलोक का समय

पुराणों के अनुसार स्वर्गलोक और भूलोक में समय की गति अलग-अलग होती है। धरती पर एक महीने का समय पितर लोक में एक दिन के बराबर होता है, और एक वर्ष देवताओं के लिए एक दिन के समान होता है। इस प्रकार धरती पर 30 वर्षों का समय स्वर्गलोक में केवल एक महीने के बराबर होता है। इसका मतलब है कि समय की अवधारणा अलग-अलग लोकों में भिन्न होती है और इसलिए कलियुग की समाप्ति का आकलन भी समय की गति को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।

कलियुग की चरम सीमा

विष्णु पुराण और ब्रह्मावैवर्त पुराण में वर्णित भविष्यवाणियों के अनुसार कलियुग की चरम सीमा पर मानव जीवन की आयु घटकर केवल 20 वर्ष रह जाएगी। लोग जल्दी बूढ़े हो जाएंगे। पांच वर्ष की लड़कियां गर्भवती हो जाएंगी। मानव शरीर छोटी-छोटी बीमारियों का सामना भी नहीं कर सकेगा और मृत्यु दर बढ़ जाएगी। धरती पर सूखा और अकाल रहेगा, अन्न की कमी होगी। मौसम चरम पर होंगे—बहुत अधिक बारिश, गर्मी, और हड्डियों को गलाने वाली सर्दी जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होंगी।

वर्तमान में कलियुग का पहले चरण

वर्तमान में जबकि हम केवल कलियुग के पहले चरण में हैं। भविष्यवाणियाँ बताती हैं कि इस युग का अंत अभी कई हजार वर्षों दूर है। समाज में बढ़ते पाप और कष्ट यह संकेत करते हैं कि हम इस युग के अंत की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन इसकी समाप्ति के लिए समय अभी बहुत लंबा है।

कलियुग का अंत और उसके बाद की स्थितियाँ धार्मिक ग्रंथों में वर्णित भविष्यवाणियों पर आधारित हैं, जो हमें यह समझने में मदद करती हैं कि हमारे वर्तमान समय की परिस्थितियाँ भविष्य की दिशा को कैसे प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि कलियुग का अंत किसी चमत्कार या अचानक परिवर्तन से नहीं होगा, बल्कि यह धीरे-धीरे मानवता के जागरण और सच्चाई की ओर बढ़ने से होगा। इस बीच हमें अपनी मानवता को बनाए रखते हुए सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करते रहना चाहिए।