फ़टाफ़ट डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज है। यह चंद्र ग्रहण भारत के कुछ राज्यों में आंशिक रुप से दिखाई देगा. ऐसा कहा जा रहा है कि ये सदी का सबसे बड़ा और सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा। यह एक खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा। बता दें कि ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा पाठ और किसी भी तरह का शुभ कार्य करना पूर्ण वर्जित है। वैसे ज्योतिष में चंद्रग्रहण की घटना को अशुभ माना जाता है।
चंद्रग्रहण या सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिये जाते हैं। ग्रहण का असर 12 राशियों पर भी पड़ता है। वैसे तो ग्रहण को अशुभ माना जाता है लेकिन कुछ राशियों के लिए इसका असर मिलाजुला और कुछ के लिए शुभ भी हो सकता है। इस बार के ग्रहण का असर वृषभ राशि पर सबसे नकारात्मक पड़ने की बात कही जा रही है।
चंद्र ग्रहण का समय
चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। इसके अलावा ग्रहण के दौरान घरों से बाहर निकलने को भी मना किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलने पर इसका जीवन पर खराब असर पड़ता है। 19 नवंबर 2021 को चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर लगेगा जो कि शाम 5 बजकर 33 मिनट तक चलेगा।
सूतक काल की स्थिति
साल का आखिरी चंद्रग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण न होकर उपछाया चंद्रग्रहण है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार सूतक काल सिर्फ पूर्ण चंद्रण लगने की स्थिति में ही मान्य होता है। उपछाया ग्रहण (खंडग्रास ग्रहण) की स्थिति में ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य नहीं किया जाता है। बता दें कि ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले से ही सूतक काल का प्रारंभ हो जाता है।
इन राशियों के लिए शुभ होगा ग्रहण
इस बार का चंद्र ग्रहण मेष, कन्या, तुला और कुंभ, मीन राशि वालों के लिए शुभ माना जाता है। इन राशि वाले लोगों को आर्थिक लाभ मिलने के साथ ही करियर में उन्नति, कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। कुछ लोगों का पुराना कर्ज भी उतर सकता है।
कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण?
इस बार जो चंद्रग्रहण लग रहा है, वह भारत के कुछ ही शहरों में यह दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण केवल उन्हीं जगहों पर दिखाई देता है, जहां चंद्रमा आकाश के घेरे में यानी क्षितिज के ऊपर होता है। आज लगने वाला चंद्रग्रहण ओडिशा, असम और अरुणाचल प्रदेश सहित भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में दिखाई देगा। मौसम विभाग के मुताबिक, यह ग्रहण पश्चिम बंगाल की कुछ जगहों से ये 6 बजकर 21 मिनट पर सिर्फ 2 मिनट के लिए दिखाई पड़ सकता है। सिक्किम और ओडिशा में भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका सहित उत्तरी यूरोप और पूर्वी एशिया में दिखाई देगा। बता दें कि उपछाया ग्रहण (खंडग्रास ग्रहण) को वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं माना जाता है।
(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। फ़टाफ़ट न्यूज़ डॉट कॉम इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)