रायपुर. कल 22 जनवरी रविवार से गुप्त नवरात्रि आरम्भ हो रही है जो 30 तारीख सोमवार तक रहेगा। पूरे वर्ष भर के चार नवरात्रों में से दो को प्रत्यक्ष नवरात्र कहा गया है और दो को गुप्त नवरात्र। यह चारों नवरात्र सिद्धि प्रदान करने वाली होती हैं।
रायपुर के प्रसिद्ध महामाया मन्दिर के पंडित मनोज शुक्ला बताते है कि गुप्त नवरात्र में साधक सन्यासी, सिद्धि प्राप्त करने वाले, तांत्रिक-मांत्रिक देवी की उपासना करते हैं। तथा देवी की दस महाविधाएं की पूजा की जाती है, जिनका तंत्र शक्तियों और सिद्धियों में विशेष महत्व है। जबकि प्रत्यक्ष नवरात्र में गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाले समस्त जन माँ दुर्गा जी के 9 रूपों की पूजा करते है।
गुप्त नवरात्र में भी अगर आम जन चाहें तो किसी विशेष इच्छा की पूर्ति या सिद्धि के लिए साधना उपासना तथा पाठ आदि करके मनोरथ की पूर्ण कर सकते हैं। नवरात्रि पर्व को साधना के लिए श्रेष्ठ अवसर बनाएगा। साल में चार नवरात्रियां आती हैं। इनमें दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि होती है। आषाढ़ व माघ की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है। गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या जो दस माता के रुप में जानी जाती है, उनकी आराधना की जाती है। इनके नाम है- काली, तारा, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला।
इनकी आराधना से कोर्ट में विजय, संतान सुख, मारण, उच्चाटन, विद्वेषण, मोहन, आकर्षण आदि कई लाभ प्राप्त होते हैं। राजनीतिक सफलता के लिए, पद प्राप्ति एवं कई साधक आत्मसुख की प्राप्ति के लिए भी इनकी अराधना करते हैं।
गुप्त नवरात्रि के दौरान 26 जनवरी को वसंत पंचमी पर्व रहेगा। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि की अष्टमी 29 रविवार तथा नवमी 30 सोमवार रहेगा। जया एकादशी व्रत 1 फरवरी बुधवार तथा माघी पूर्णिमा का स्नान दान आदि व्रत पर्व 5 फरवरी रविवार को रहेगा। वास्तु & ज्योतिष सलाहकार पण्डित मनोज शुक्ला महामाया मंदिर।