Ganesh Utsav 2024 : सनातन धर्म और ज्योतिष में इस गणेश मंदिर का है विशेष स्थान, विवाह में आई बाधा होती है दूर, जानें इतिहास और विशेषताएँ

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Ganeshutsav 2024, Ganesh Utsav 2024, Ganesh Chaturthi 2024, Chintaman Temple : सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। इस शास्त्र के माध्यम से व्यक्ति के भविष्य की गणना की जाती है। जिसमें ग्रहों की स्थिति का बड़ा प्रभाव होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों को दो प्रमुख वर्गों में बांटा गया है—शुभ ग्रह और अशुभ ग्रह।

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चंद्र, बुध, गुरु और शुक्र को शुभ ग्रह माना जाता है, जबकि मंगल, राहु, केतु और शनि को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। शुभ ग्रहों की स्थिति में व्यक्ति के जीवन में शुभ घटनाएं होती हैं, जैसे कि शीघ्र विवाह। इसके विपरीत अशुभ ग्रहों की स्थिति विवाह में बाधाएं उत्पन्न कर सकती हैं।

कुंडली में विभिन्न प्रकार के दोष भी होते हैं, जो विवाह में विघ्न डाल सकते हैं। ऐसे में, प्रकांड पंडितों से सलाह लेकर इन दोषों का निवारण किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कई ऐसे मंदिर भी हैं, जहां देव दर्शन के माध्यम से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर की जा सकती हैं? इनमें से एक प्रमुख मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है—श्री चिंतामण गणेश मंदिर।

मंदिर का स्थान और विशेषताएँ

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित श्री चिंतामण गणेश मंदिर, फतेहाबाद रेलवे स्टेशन से करीब 5 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर में भगवान गणेश की तीन प्रमुख प्रतिमाएं स्थापित हैं। पहली प्रतिमा को चिंतामण गणेश, दूसरी को इच्छामण गणेश और तीसरी को सिद्धिविनायक कहा जाता है। चिंतामण गणेश के दर्शन से चिंता दूर होती है, इच्छामण गणेश के दर्शन से मनोकामना पूरी होती है, और सिद्धिविनायक के दर्शन से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

श्री चिंतामण गणेश मंदिर का ऐतिहासिक संबंध भगवान श्रीराम से जुड़ा हुआ है। इतिहासकारों के अनुसार, भगवान श्रीराम वनवास के दौरान इस स्थल पर पहुंचे थे। यहाँ पर जगत जननी मां जानकी को प्यास लगी थी, और लक्ष्मण जी ने अपने धनुष बाण से पृथ्वी से जल को प्रकट किया था। माँ जानकी ने इस जल का पान कर व्रत समाप्त किया। भगवान श्रीराम, माँ लक्ष्मी और लक्ष्मण जी ने इस स्थान पर भगवान गणेश की पूजा की थी। तब से, इस मंदिर में भगवान गणेश के तीनों रूपों की पूजा की जाती है।

विवाह हेतु मान्यता और प्रथा

श्री चिंतामण गणेश मंदिर का धार्मिक महत्व विशेष रूप से विवाह की बाधाओं को दूर करने के लिए प्रसिद्ध है। यह मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन से अविवाहित जातकों को शीघ्र विवाह के योग प्राप्त होते हैं। श्रद्धालु इस मंदिर में आकर विवाह के लिए लग्न कार्ड लिखते हैं और इसे भगवान गणेश के चरणों में समर्पित करते हैं।

जब विवाह संपन्न हो जाता है, तो वर और वधू दोनों ही श्री चिंतामण गणेश मंदिर आकर गणपति बप्पा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस प्रकार श्री चिंतामण गणेश मंदिर विवाह के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां आस्था और भक्ति से विवाह की बाधाएं दूर की जा सकती हैं।