फ़टाफ़ट डेस्क. मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व माना जाता है. आज मकर संक्रांति मनाई जा रही है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. शनि मकर व कुंभ राशि के स्वामी हैं. इसलिए आज के दिन पिता-पुत्र का मिलन होता है. ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन कुछ कार्यों को वर्जित किया गया है, जिसकी वजह से सूर्य देव रुष्ट हो सकते हैं. आइये बताते हैं इनके बारे में…
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल मुहूर्त सूर्य के संक्रांति समय से 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल होता है. इस बार पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू हो गया है, जो शाम को 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. इसमें स्नान, दान, जाप कर सकते हैं. वहीं स्थिर लग्न यानि समझें तो महापुण्य काल मुहूर्त 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इसके बाद दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से 3 बजकर 28 मिनट तक.
भूलकर भी ना करें ये काम-
1. मकर संक्रांति के दिन भूल से भी रात का बचा हुआ या बासी खाना नहीं खाएं. इससे आपके अंदर अधिक गुस्सा और नकारात्मक ऊर्जा हावी होती है.
2. इस दिन लहसुन, प्याज और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए.
3. इस दिन अधिक मसालेदार भोजन को भी खाने से बचना चाहिए.
4. इस दिन भूल से भी नशा नहीं करें. शराब, सिगरेट, गुटका आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
5. मकर संक्रांति के दिन अपनी वाणी पर संयम रखें और गुस्सा ना करें.
6. गरीब निर्धन या घर आए किसी भिखारी को गलती से भी खाली हाथ न लौटाएं.
मकर संक्रांति पर क्या करें-
1. मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पूजा-पाठ करें.
2. इस दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी दान करने से विशेष लाभ होता है.
3. मकर संक्रांति के दिन काले तिल दान का विशेष महत्व है.
4. मकर संक्रांति के दिन खाने में भी सात्विकता का पालन करें.