ज्योर्तिविद पं० शशिकान्त पाण्डेय (दैवज्ञ)
9930421132
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??जय जय श्री राधे राधे जी??
??? दैनिक पंचाग ???
??????????
दिनाँक -: 14/07/2019,रविवार
त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष,आषाढ
?????????समाप्ति काल):-
तिथि———-त्रयोदशी24:54:34 तक
पक्ष————————शुक्ल
नक्षत्र————-ज्येष्ठा17:25:29
योग—————–ब्रह्म27:26:51
करण————कौलव12:38:04
करण————-तैतुल24:54:34
वार—————————रविवार
माह—————————आषाढ
चन्द्र राशि——-वृश्चिक17:25:29
चन्द्र राशि————————धनु
सूर्य राशि——————— मिथुन
रितु—————————–ग्रीष्म
आयन——————-दक्षिणायण
संवत्सर———————-विकारी
संवत्सर(उत्तर)————परिधावी
विक्रम संवत—————–2076
विक्रम संवत (कर्तक)——-2075
शाका संवत——————1941
सूर्योदय—————–05:34:05
सूर्यास्त——————19:15:48
दिन काल—————13:41:43
रात्री काल————–10:18:45
चंद्रोदय——————17:11:58
चंद्रास्त——————27:59:38
लग्न—-मिथुन27°11′ , 87°11′
सूर्य नक्षत्र——————–पुनर्वसु
चन्द्र नक्षत्र———————ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया———————ताम्र
??? पद, चरण ???
यी—-ज्येष्ठा 11:08:17
यू—-ज्येष्ठा 17:25:29
ये—-मूल 23:44:23
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
~~~~~
सूर्य=मिथुन 27°12 ‘पुनर्वसु , 3 हा
चन्द्र =वृश्चिक 23°13’ज्येष्ठा’ 3 यी
बुध=कर्क 08°40 ‘ पुष्य’ 2 हे
शुक्र= मिथुन 18 ° 10, आर्द्रा 4 छ
मंगल=कर्क 12 ° 23 ‘पुष्य’ 3 हो
गुरु=वृश्चिक 22°04 ‘ ज्येष्ठा , 2 या
शनि=धनु 23°33′ पू oषा o ‘ 4 ढा
राहू=मिथुन 23°10 ‘ पुनर्वसु , 2 को
केतु=धनु 23 ° 10′ पूo षाo, 4 ढा
???शुभा$शुभ मुहूर्त???
राहू काल 17:33 – 19:16अशुभ
यम घंटा 12:25 – 14:08अशुभ
गुली काल 15:50 – 17:33अशुभ
अभिजित 11:58 -12:52शुभ
दूर मुहूर्त 17:26 – 18:21अशुभ
?गंड मूलअहोरात्रअशुभ
*?चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:34 – 07:17अशुभ
चर 07:17 – 08:59शुभ
लाभ 08:59 – 10:42शुभ
अमृत 10:42 – 12:25शुभ
काल 12:25 – 14:08अशुभ
शुभ 14:08 – 15:50शुभ
रोग 15:50 – 17:33अशुभ
उद्वेग 17:33 – 19:16अशुभ
?चोघडिया, रात
शुभ 19:16 – 20:33शुभ
अमृत 20:33 – 21:51शुभ
चर 21:51 – 23:08शुभ
रोग 23:08 – 24:25अशुभ
काल 24:25 – 25:43अशुभ
लाभ 25:43 – 26:59शुभ
उद्वेग 26:59 – 28:17अशुभ
शुभ 28:17 – 29:35*शुभ
?होरा, दिन
सूर्य 05:34 – 06:43
शुक्र 06:43 – 07:51
बुध 07:51 – 08:59
चन्द्र 08:59 – 10:08
शनि 10:08 – 11:16
बृहस्पति 11:16 – 12:25
मंगल 12:25 – 13:33
सूर्य 13:33 – 14:42
शुक्र 14:42 – 15:50
बुध 15:50 – 16:59
चन्द्र 16:59 – 18:07
शनि 18:07 – 19:16
?होरा, रात
बृहस्पति 19:16 – 20:07
मंगल 20:07 – 20:59
सूर्य 20:59 – 21:51
शुक्र 21:51 – 22:42
बुध 22:42 – 23:34
चन्द्र 23:34 – 24:25
शनि 24:25* – 25:17
बृहस्पति 25:17* – 26:08
मंगल 26:08* – 26:59
सूर्य 26:59* – 27:51
शुक्र 27:51* – 28:43
बुध 28:43* – 29:35
नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान—————पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
13 + 1 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
? शिव वास एवं फल -:
13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
पाताल लोक = धनलाभ कारक
?? विशेष जानकारी ??
- प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
*सर्वार्थ सिद्धि योग 17:25 से
??? शुभ विचार ???
एक: पापानि कुरुते फलं भुङ्क्ते महाजन: ।
भोक्तारो विप्रमुच्यन्ते कर्ता दोषेण लिप्यते।।
।।वि o नी o।।
मनुष्य अकेला पाप करता है और बहुत से लोग उसका आनंद उठाते हैं। आनंद उठाने वाले तो बच जाते हैं ; पर पाप करने वाला दोष का भागी होता है।
??? सुभाषितानि ???
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
दिवि सूर्यसहस्रस्य भवेद्युगपदुत्थिता ।,
यदि भाः सदृशी सा स्याद्भासस्तस्य महात्मनः ॥,
आकाश में हजार सूर्यों के एक साथ उदय होने से उत्पन्न जो प्रकाश हो, वह भी उस विश्व रूप परमात्मा के प्रकाश के सदृश कदाचित् ही हो॥,12॥,
?? दैनिक राशिफल ??
मेष
थोड़ी मेहनत से अधिक लाभ होगा। कारोबार में आय बढ़ेगी। कार्य की प्रशंसा होगी। यात्रा मनोनुकूल रहेगी।
वृष
लोगों से मेलजोल बढ़ेगा। अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं।
मिथुन
यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। आय के साधनों में वृद्धि होगी। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी।
कर्क
मेहमानों पर व्यय होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। नकारात्मकता बढ़ेगी। लेन-देन में सावधानी रखें।
सिंह
यात्रा मनोरंजक होगी। बाहरी सहयोग से काम बनेंगे। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है, प्रयास करें।
कन्या
योजना फलीभूत होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें।
तुला
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। राजकीय सहयोग मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
वृश्चिक
जल्दबाजी तथा लापरवाही से बड़ा नुकसान संभव है। कुसंगति से बचें। आय सामान्य रहेगी।
धनु
घर-परिवार में मांगलिक कार्य हो सकता है। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी।
मकर
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें।
कुंभ
स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। थकान महसूस होगी। लाभ होगा।
मीन
मेहनत अधिक होगी। आराम नहीं मिलेगा। आय में कमी होगी। विवाद न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
??आपका दिन मंगलमय हो??
???????????
रत्न,वास्तु, ज्योतिष, हस्तरेखा, अंकशास्त्र विशेषज्ञ
9930421132