लखनऊ
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज सुबह वृंदावन में दुनिया के सबसे ऊंचे चंद्रोदय मंदिर का शिलान्यास किया। इस अवसर पर यहां प्रस्तवित चंद्रोदय मंदिर की उन्होंने स्थापना पूजा की। अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने कहा कि वृंदावन दुनिया को शाति और समरसता का संदेश देगा। राष्ट्रपति ने कहा कि वृंदावन को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। इस अवसर पर अक्षय पात्र फाउंडेशन के चेयरमैन मधु पंडित दास मौजूद थे। चन्द्रोदय मंदिर स्थल आगमन पर राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति की अगवानी की। श्री मुखर्जी बाद में ठाकुर बाके बिहारी के दर्शन करने बिहारी जी मंदिर गए।
वृंदावन में बनने वाला विश्व का सबसे ऊंचा चंद्रोदय मंदिर, सिर्फ कंक्रीट, शीशा, कीमती-दुर्लभ पत्थर की इमारत नहीं होगी। नक्काशी और शिल्पकला की बेजोड़-बेमिसाल हुनरमंदी भी नहीं होगी। यह ब्रह्मांड की एक ऐसी कल्पना की संरचना होगी जिसमें जीवंत चित्रों, ऑडियो-वीडियो आदि आधुनिक तकनीकी के जरिए उन वेद-पुराणों, ग्रंथों के पन्नों के शब्दों से सराबोर कर देगी, जिसे विद्वतजनों ने अपने प्रवचनों में उच्चारित किया है।
इस्कान बेंगलुरू के भक्तों द्वारा कल्पित दुनिया का यह सबसे ऊंचा 70 मंजिला मंदिर जल्द साकार रूप लेगा। मंदिर की वास्तुकला भारतीय पारंपरिक नागरा स्टाइल के साथ-साथ आधुनिक अंदाज में होगी। बड़ी खासियत यह भी कि यहां का नजारा ऐसा होगा, मानों आप ब्रह्मांड में ग्रह प्रणालियों का भ्रमण कर रहे हैं। अध्यात्म के इस अद्भुत केंद्र की ऊंचाई 700 फीट (210 मीटर) होगी, जो 65 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट 300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है। मंदिर के केंद्र में भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर स्थापित किया जाएगा। मंदिर भारतीय और आधुनिक वास्तुकला, दोनों का अभूतपूर्व संगम प्रदर्शित करेगा। इस मंदिर का इंटीरियर डिजाइन विदेशी शिल्पकार कर रहे हैं।
लिफ्ट से ग्रह प्रणालियों का भ्रमण :
70 मंजिले मंदिर में पृथ्वी लोक, स्वर्ग लोक और गोलोक गैलरी भी श्रद्धालुओं के दर्शन को स्थापित की जाएगी। भूतल से एक लिफ्ट मंदिर के मध्य से होकर गुजरेगी। इसमें आगंतुकों को तीनआयामी ध्वनि और प्रकाश शो से वैदिक साहित्य में वर्णित ब्रह्मांड में अलग-अलग ग्रह प्रणालियों का भ्रमण कराया जाएगा। अंत में लिफ्ट आगंतुकों को ले जाएगी 700 फीट की ऊंचाई पर, जहां से वे ब्रजमंडल के मनोरम दृश्य का आनंद ले सकेंगे।
मंदिर के चारों तरफ कृत्रिम पहाड़ियां
मंदिर के चारों तरफ वन होंगे। इसमें बृज के 12 वन क्षेत्र (द्वादश कानन) शामिल होंगे। इसमें वनस्पति की किस्में, चारागाह, सुंदर पेड़, तरह-तरह की लताएं होंगी। सुंदर तालाब, इसमें खिलते कमल और कुमुद के फूल मन मोह लेंगे। मंदिर के आसपास कृत्रिम पहाड़ियां भी होंगी। इससे गिरते झरने माहौल को और मोहक बनाएंगे।
चारों ओर कल-कल बहेगी यमुना
चंद्रोदय मंदिर परिसर के चारों ओर कल-कल रूप से यमुना स्वरूप कृत्रिम झरने में पर्यटक और श्रद्धालु नौका विहार करेंगे, बल्कि वे वनों में कृष्ण लीलाओं का आनंद भी ले सकेंगे। भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर संग्रहालय भी बनेगा।