इंदौर पत्नी और बेटी के बीच खींचतान में फंसे भय्यू महाराज के अपने सेवादार और नौकर ही उनकी जासूसी करने लगे थे। इसके लिए उनकी पत्नी और बेटी सेवादारों और नौकरों पर दबाव बनाती थीं। बेटी इस बात का पता लगाने में जुटी रहती थी कि पिता दूसरी पत्नी के लिए क्या कर रहे हैं, जबकि दूसरी पत्नी का ध्यान बेटी से होने वाली बातचीत पर लगा रहता था। यह खुलासा भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) के नौकर और सेवादारों के बयानों से हुआ।
जांच में शामिल अफसर के मुताबिक उन्होंने नौकर गोलू उर्फ गोल्डू, नौकरानी सरोज सोलंकी और कर्मचारी योगेश, प्रवीण आदि के बयान लिए तो उन्होंने पत्नी डॉ. आयुषी और बेटी कुहू के बीच चल रही लड़ाई के बारे में खुलकर बताया। एक कर्मचारी ने कहा कि आयुषी भय्यू महाराज के साथ रहने वाले ड्राइवर शरद सेवलकर और सेवादार शेखर शर्मा (पंडित) को बार-बार कॉल करती थीं। उनसे यह भी पूछताछ करती थी कि कुहू से महाराज की कब और क्या बात हुई थी।
उधर, कुहू भी लगातार विनायक दुधाले के संपर्क में रहती थी। वह उनके जरिए यह पता लगाती रहती थी कि महाराज आयुषी के साथ कहां घूमने गए और वे दोनों क्या कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक मौत के पहले सोमवार को महाराज पुणे के लिए रवाना हुए, तब भी आयुषी कॉल कर रही थीं। गाड़ी में महाराज की बेटी से हुई बातचीत की जानकारी मिलने पर वह एक कर्मचारी पर भड़क गई और कहा- ‘इतना सब कुछ होने के बाद भी तुमने मुझे क्यों नहीं बताया’। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि वह क्या बातचीत थी जिससे महाराज बेचैन हुए और आयुषी जानना चाह रही थीं।
20 लाख में ऑडी बेची, मस्टंग बेचने गए थे
शुक्रवार रात महाराज के सेवादार विनायक से एएसपी प्रशांत चौबे ने तीन घंटे पूछताछ की। विनायक ने बताया कि वह करीब 10 साल से सूर्योदय आश्रम से जुड़ा है। वह गुरूजी से वेतन नहीं लेते । गुरूजी ने मकान दिलवाया, बैंक खाते भी उसके नाम से खुलवाए। गुरूजी के मकानों व गाडि़यों पर लोन है। कुछ दिन पूर्व 20 लाख रुपये में ऑडी कार बेची थी। उन्होंने घटना के पूर्व मुझे मस्टंग कार बेचने का कहा था। उनके कहने पर एबी रोड स्थित कार शोरूम पर गाड़ी की कीमत जानने गया था।