रीवा: जिले के मउगंज से बीजेपी के विधायक प्रदीप पटेल यूं तो बात-बात पर धरना देकर सत्ता और संगठन को बैकपुट पर लाते रहे हैं, लेकिन अब वे एक नए कारनामे को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। इस बार विधायक पटेल मऊगंज कस्बे में संचालित शराब दुकान के विरुद्ध पिछले दो दिनों से थाना और दुकान में धरना दे रहे हैं। आलम यह है कि विधायक और ठेकेदार के बीच तनातनी में आबकारी और पुलिस तमाशबीन बनकर रह गई। सत्ता पक्ष का विधायक होने के कारण आला अफसर मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। विधायक की अड़ीबाजी की असल वजह चर्चाओं में कुछ और है लेकिन फिलहाल शराब दुकान के संचालक और उसके कर्मचारियों द्वारा वार्ड क्रमांक 2-3 के लोगों के साथ मारपीट इसकी वजह बताई जा रही है। जबकि इसके पहले भी उक्त शराब दुकान चाकघाट मोड़ मऊगंज में संचालित थी और आए दिन विवाद होता रहा। लेकिन बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल का शराब कारोबारियों से गहरे रिश्ते होने की वजह से उन्हें धरना देने की नौवत नहीं आई।
प्रदीप पटेल के हाई वोल्टेज ड्रामा के पीछे सियासी मकसद के साथ-साथ चोरी छिपे शराब की पैकारी चलाने वाले लोगों का हित भी छिपा है। बताया जाता है कि मऊगंज शराब दुकान के संचालक शराब की चोरी छिपे बिक्री करने वाले अशोक चौरसिया और अर्जुन मुड़हा से लंबे समय से विवाद चल रहा है। अशोक और अर्जुन मऊगंज दुकान के बजाए रायपुर कर्चुलियान शराब दुकान से माल उठाकर मऊगंज में बेचते हैं। कुछ दिन पहले पुलिस ने शराब ठेकेदार के इशारे पर दोनों की अवैध शराब पकड़ी और उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर ली। इसी वजह से तीन दिन पहले शराब ठेकेदार के गुर्गो ने मऊगंज की मुड़हान बस्ती में घुसकर मारपीट भी की थी। इस विवाद में बुधवार को विधायक प्रदीप पटेल की एंट्री हो गई।
विधायक प्रदीप पटेल के थाना परिसर में धरना देने की स्थिति में मऊगंज पुलिस ने शराब दुकान में ताला जड़ दिया। हालांकि अनुज्ञा प्राप्त इस दुकान में ताला जड़े जाने की सूचना मिलने के बाद आबकारी अधिकारी मऊगंज पहुंचे और घंटों की मशक्कत के बाद शाम 6 बजे शराब दुकान खोल दी गई। लेकिन फिर विधायक महिलाओं को लेकर दुकान के सामने धरने पर बैठ गए। विधायक की अड़ीबाजी के चलते शराब दुकान बंद है। आबकारी अधिकारी और पुलिस के स्थानीय अधिकारियों का प्रयास फिलहाल नाकाम था। विधायक दुकान को अन्यंत्र संचालित करने की मांग पर अड़े हुए हैं।