Bhopal: भारत को आजादी मिले भले ही 75 साल हो गए हैं, लेकिन अंधविश्वास से अब तक कुछ लोगों को आजादी नहीं मिली है। अंधविश्वास के चलते कुछ लोग एक दूसरे की जान तक ले रहे हैं। ऐसा ही मामला राजधानी भोपाल से सामने आया है। जहां पर पुलिस ने अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि साले ने जीजा पर भूत का साया समझकर डंडे से पिटाई कर दी। बिलखिरिया पुलिस ने मृतक कमलेश अहिरवार की हत्या का 3 दिन बाद खुलासा किया है। पुलिस ने मामले में आरोपी साले को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बिलखिरिया थाना प्रभारी सुनील चतुर्वेदी ने बताया कि 13 जनवरी को कमलेश अहिरवार की तबीयत खराब होने पर पत्नी परिवार के साथ हमें जिस पता ले गई थी जहां डॉक्टरों ने कमलेश को मिर्ची घोषित कर दिया था इसके बाद पुलिस ने 14 जनवरी को मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेजा था। पोस्टमार्टम में जांच के दौरान कमलेश की पीठ पर चोट के निशान मिले। जिसके बाद पुलिस ने हत्या का संदेह होने पर जांच शुरू की।
छावनी पठार का रहने वाला कमलेश अहिरवार 35 साल का था और मजदूरी का काम करता था। 12 जनवरी को वह अपने बच्चे का इलाज करा कर घर लौट रहा था तभी रास्ते में साले राकेश अहिरवार से कमलेश का झगड़ा हो गया साले को लगा जीजा पर भूत आ गया है इस पर राकेश ने गुस्से में आकर जीजा कमलेश के डंडे से पिटाई कर दी और सिर को कई बार दीवार में दे मारा। उसके बाद वहां से निकल गया। कमलेश अस्थमा का मरीज था। साले के पीटने से कमलेश अहिरवार कमजोर हो गया था। धीरे-धीरे उसकी तबीयत खराब होती चली गई जब पत्नी अस्पताल लेकर पहुंची तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि कमलेश अहिरवार की पीएम रिपोर्ट में चोट के निशान मिले। इस पर पुलिस को संदेह हुआ। 14 जनवरी को पुलिस ने एफएसएल टीम को घटनास्थल पर बुलाकर निरीक्षण करवाया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आसपास रहने वालों से पूछताछ की जिसमें पता चला कि 12 जनवरी को रात 11:30 बजे कमलेश और उसके साले के बीच झगड़ा हुआ था। दोनों के बीच जमकर मारपीट भी हुई। अगले दिन कमलेश की तबीयत काफी बिगड़ गई इस पर पत्नी ने परिजनों को बुलाकर कमलेश को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
आरोपी राकेश अहिरवार किल्लाई थाना राहतगढ़ जिला सागर का रहने वाला था। घटना के बाद से सागर भाग गया था। पीएम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने उसके सागर से राशन में लिया और पूछताछ की तो उसने सारा सच उगल दिया। पहले तो आरोपी घुमाता रहा लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी ने मारपीट की बात स्वीकार कर ली आरोपी को अभिरक्षा में लेकर न्यायालय में पेश किया गया है। जहां से आरोपी को केंद्रीय जेल भेज दिया गया है।