भोपाल मध्यप्रदेश अब मात्र एक ऐसा प्रदेश बन गया है जहां मेडिकल कालेज के छात्र मिक्स लैंग्वेज मे परीक्षा दे सकेंगे… क्योकि प्रदेश की मेडिकल यूनिवर्सिटी ने परीक्षाओ की भाषा में अंग्रेजी के साथ हिंदी को भी मान्य कर दिया है…. जिसके बाद अब मेडिकल छात्र हिंदी इंग्लिश दोनो की मिली जुली भाषा मे परीक्षा के प्रश्न पत्र हल कर सकेंगे…. गौरतलब है कि मेडिकल मे प्रवेश पाने वाले हिंदी माध्यम के छात्र मेघावी होते है .. इसलिए उनका चयन मेडिकल कालेजो मे होता है.. लेकिन दाखिले के बाद अंग्रेजी मे प्रश्नपत्र हल करने मे उनको अच्छी खासी दिक्कतो का सामना करना पडता है… ऐसे मे इस फैसलो को मेडिकल छात्र हित के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है….
बोलचाल की भाषा मे तो हम हिंदी-अंग्रेजी मिक्स हिंग्लिश भाषा का दिन भर प्रयोग कर करते है…. दरअसल इस संबध मे 26 मई को मेडिकल यूनिवर्सिटी ने सर्कुलर जारी किया है… जानकारी के मुताबिक इससे पहले स्टडीज बोर्ड ने ये भी तय किया है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त सभी होमियोपैथी और आयुर्वेदिक कॉलेजों के छात्र भी हिंदी अंग्रेजी मिक्स भाषा मे परीक्षा के प्रश्न पत्र हल कर सकेंगे…. मतलब अब इस फैसले का लाभ एमबीबीएस, नर्सिंग, डेंटल, युनानी, योगा और नैचुरोपैथी जैसे सभी विभाग के छात्र छात्राएं ले सकेंगे…. इतना ही नही इस फैसले के बाद लिखित के साथ ही मौखिक और प्रायोगिक परीक्षाओ मे भी मिक्स भाषा के प्रयोग का पालन होगा… यानी अगर छात्र को अंग्रेजी के किसी टेक्निकल या वैज्ञानिक शब्द का हिंदी अर्थ नहीं पता है तो वह इंग्लिश में ही उस शब्द को बता सकता है। साथ ही अगर आंसर साइंटिफिकली या टेक्निकली सही है तो नंबर नहीं काटे जाएंगे… कुल मिलाकर मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. आरएस शर्मा इस सर्कुलर पर हस्ताक्षर कर उन मेडिकल विद्यार्थियो की चांदी कर दी है.. जो अपनी मेहनत, लगन और विषय पर पकड के काऱण मेडिकल पाठ्यक्रमो मे दाखिला तो पा लेते थे… लेकिन फिर अंग्रेजी की अनिवार्यता के कारण उनके परीक्षा परिणाम संतोषजनक नही आते थे…..