छोटे शहर, छोटे होटल,
बड़ी-बड़ी बातें। थ्री
स्टार, फोर स्टार, आप सितारे कितने
भी दे दीजिए खुद को, सितारों से
आगे जहां और भी है और वह है
रूम सर्विस।
मेरे साथ एक छोटे होटल में
जो हुआ, वह बता रहा हूं। यह सच
है, पूरा सच है और सच के सिवाय
कुछ नहीं है।
जब तक मैं सोकर उठा रेस्टॉरेंट
का ब्रेकफास्ट बुफे बंद हो चुका
था। फोन उठाकर रूम सर्विस से
कुछ ऑर्डर करने के अलावा मेरे
पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था। सो
मैंने फोन उठाया और किस्सा कुछ
यूं आगे बढ़ा –
मैं – हैलो, रूम सर्विस?
वह – हैलो, रूम सर्विस।
मैं – नाश्ते में क्या मिलेगा?
वह – सब कुछ मिलेगा सर। आप
क्या लेना चाहेंगे?
मैं – डोसा मिलेगा?
वह – नहीं सर डोसा तो हमारे मेन्यू
में नहीं है। ऑमलेट मिल जाएगा।
मैं – ऑमलेट के अलावा?
वह – सर भुर्जी मिल जाएगी।
मैं – और क्या?
वह – एग फ्राई।
मैं – अरे अंडे के अलावा कुछ
है क्या?
वह थोड़ा-सा परेशान हुआ। यह
तो बड़ी ही मुश्किल में डाल रहा
है। बोल रहा है, अंडे के अलावा?
उसने थोड़ा ‘हूं’ और ‘हां’ किया
और फिर बोला।
वह – अंडे के अलावा..अंडे के
अलावा..देखता हूं सर.. सर टोस्ट
मिल जाएगा, बटर और जैम के
साथ। भिजवा दूं सर?
मैं – जूस मिलेगा?
वह – फ्रूट जूस सर?
और नहीं तो क्या रसगुल्ले का
जूस? मैंने मन में सोचा, बोला नहीं,
विनम्रता कूट-कूट कर जो भरी है।
मैं – जी, फ्रूट जूस। मिलेगा?
वह – सर फ्रैश फ्रूट जूस?
मैं – जी हां फ्रैश फ्रूट जूस। देखिए
बहुत भूख लगी है। प्लीज भेज
दीजिए।
वह – सर एक मिनट होल्ड
कीजिए। (माउथपीस पर हाथ रख
कर वे सज्जन दूसरे सज्जन से जोर-
जोर से पूछते हैं, ‘अबे वो संतरे
आए कि नहीं आए? नहीं आए?
इसका रोज का ही नाटक है।’ और
फिर लहजा और आवाज बदलकर
फिर से मुझसे मुखातिब हुए।)
नहीं सर, फ्रैश फ्रूट जूस तो अभी
नहीं मिल पाएगा। कैन्ड में है सर,
पाइनएप्पल, ऑरेंज, एप्पल..
मैं – अरे यार, कोई फ्रूट नहीं है?
वह – सर फ्रूट्स हैं न। फ्रूट प्लेट
भिजवा दूं?
मैं – अरे दोस्त जब फ्रूट हैं तो
उनका जूस क्यों नहीं निकाल
सकते?
वह – सर ये वे वाले फ्रूट्स नहीं
हैं ना।
मैं – फिर कौन से फ्रूट्स हैं?
वह – सर केला, सेब और पपीता।
मैं – इनका जूस नहीं होता?
वह – सर जूस के लिए सिर्फ
संतरा और मौसम्बी ही है मेन्यू में।
मैं – तो संतरे का जूस भेज दो।
वह – सर संतरे अभी आए नहीं हैं।
मैं भूख और गुस्से की वजह से
कुछ नहीं बोल पा रहा हूं।
वह – सर? फ्रूट प्लेट भिजवा दूं?
मैं – भेज दीजिए।
वह – और सर ऑमलेट?
मैं – नहीं, बस फ्रूट्स।
वह – सर टोस्ट विथ जैम एंड
बटर?
मैं – नहीं, सिर्फ फल भेज दीजिए
और जरा जल्दी, बहुत भूख लगी
है मुझे।
वह – सर एक मिनट (फिर से
माउथपीस पर हाथ रख कर अपनी
असली आवाज में चिल्लम-चिल्ली
करता है। इस दौरान मेरे दिमाग में
किसी इंसान का कत्ल करने के
22 तरीके घूम गए। फिर अपनी
सभ्य आवाज में मुझसे मुखातिब
हुआ।) सर यह दुष्ट अभी-अभी
संतरे लेकर पहुंचा है। जूस भिजवा
दूं सर?
मैं – भिजवा दीजिए और साथ में
गुलूकोज भी।
पतली-सी आवाज में इतना
कह कर मैंने फोन नीचे रखा और
भूख से निढाल बेहोशी में एक ओर
लुढ़क गया। वाह रे मेरे फोर स्टार!
वाह रे मेरे फोर स्टार!