सतना (रैगाँव): अठारह के अखाड़े का एलान हो चुका और हर दल में चुनावी पहलवान ताल ठोक रहे,, हर नेता जीत का दावा कर रहा और पार्टी का सिम्बल हथियाने जोर जुगाड़ में है,, लेकिन एक ही परिवार के तीन पीढ़ी ने एक ही सिंबल के लिए दाबेदारी की है,, जहाँ दादा, पुत्र, बहू, नातिन के साथ साथ भतीजा भी टिकट की रेस में है,, दिचस्प बात यह की सभी ने एक ही सीट पर दाबेदारी की है,, जिससे भाजपा संगठन भी उलझा आगया है,, रैगाँव सीट पर भाजपा में अब तक के इतिहास में बेसुध बाग़री परिवार ही हावी है,, मगर इस बार के चुनाव में घर मे आग लगी है ।
सतना जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट रैगाँव में भाजपा से टिकट के लिए घमासान देखने लायक है,, यहां पूरा खानदान टिकट की जुगाड़ में है,, दरअसल रैगाँव सीट पर मध्यप्रदेश सासन के पूर्व मंत्री जुगुल किसोर बागरी का एक छत्र राज है,, 1977 के जन संघ के जमाने से जुगलकिशोर बागरी को सिम्बल मिला,, जुगलकिशोर बागरी लगातार भाजपा से चुनाव लड़े चार बार हार नसीव हुई और चार बार जीत कर विधायक भी बने इतना ही नही,, 2008 में जल संसाधन राज्य मंत्री का पद मिला मगर 2011 में शिक्षा कर्मी घोटाले में चलान पेस होने पर जुगलकिशोर बागरी आरोपी बने और मंत्री पद भी चला गया,, 2013 में उनके जेस्ट पुत्र पुर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष पुष्पराज बाग़री को भाजपा ने टिकट दी मगर हार नसीव हुई,, 2018 के चुनाव में अब मामला और भी दिलचस्प हो चुका पुत्र की हार और अपने ऊपर विस्वास जताकर इस बार जुगलकिशोर बाग़री फिर टिकट की दौड़ में शामिल हो गए और पार्टी में दाबेदारी की है,, 78 बर्षीय जुगलकिशोर बाग़री के साथ साथ उनके जेस्ट पुत्र पुष्पराज बाग़री की भी दाबेदारी है,, और टिकट मिलने को लेकर आस्वस्त नजर आ रहे तो उनकी पत्नी प्रभा बाग़री भी राजनीति में भाग्य आजमा रही फ़िलहाल पूर्व में उन्होंने जिलापंचायत का चुनाव लड़ा था पर हार गई थी !
जब जेठ जेठानी विधायक बनने के सपने देखे तो भला देवरानी कहा पीछे रह सकते है,, मामला दिलचस्प इस लिए बढ़ गया कि जुगुलकिसोर जी के छोटे पुत्र जिला पंचायत सदस्य देवराज बाग़री की पत्नी वंदना बाग़री भी विधायक बनाने का सपना संजोकर टिकट की दाबेदारी कर डाली और महिला आरक्षण के तहत टिकट मांग कर घर मे ही बगावत का दरवाजा खोल दिया,, हालाकि वो भी पिछला ज़िला पंचायत का चुनाव हार चुकी,, जब पिता पुत्र बहू विधायक बनने का सपना साजो रहे हो तो तीसरी पीढ़ी कैसे पीछे रह सकती है,, सो नातिन प्रतिभा बाग़री भी मैदान में कूद पड़ी और कमल सिंबल हथियाने भाजपा संगठन को पसोपेश में डाल दिया इतना ही नही जुगुल किसोर के सगा भतीजा बीरेन्द्र सिंह बीरू भी टिकट की मांग कर डाली और चुनावी समर में प्रचार प्रसार भी सुरू कर दिया,, अब भाजपा से एक ही परिवार की तीन पीढी एक ही सिंबल हथियाने एड़ी चोटी का जोर लगा रही !
सतना के रैगाँव सीट का यह बागरी परिवार राजनीति को अपनी ब्यक्तिगत संपति मान बैठा है,, जनपद, जिला पंचायत, मंडी सदस्य और विधानसभा हर चुनाव में भाग्य आजमाते है,, हालांकि पिछले चुनाव में विधायक की टिकट न मिलने पर पूर्व मंत्री जुगलकिशोर ने मंडी सदस्य का चुनाव लड़ा मगर उन्हें गया बाग़री ने मात दे दी,, जबकि छोटे पुत्र जिला पंचायत सदस्य बने,, जबकि बड़ी और छोटी बहू भी जिला पंचायत चुनाव हार गई,, अब विधानसभा चुनाव है ऐसे में फिर इस घर से दाबेदारी हो रही और घर मे अंतः कलह चरम पर है,, इस परिवार के अलाबा भी आधा दर्जन अन्य दावेदार भी मैदान में है,, जो खुलकर मंत्री परिवार को घेरने की रणनीति बना रहा,, अनुशासन और सब्र का बांध यहां टूट चुका,, पुर्व मंत्री के भतीजे ने अपने ही चाचा पर संगीन आरोप लगा रहे और अपने आपको टिकट मिलने की उम्मीद पाल रहे,, बीरेन्द्र सिंह ने चेतावनी तक दे डाली है,, कि यदि उन्हें टिकट नही मिली तो पार्टी का रैगाँव और नागौद सीट में नुकसान होगा,, वही वर्षो से भाजपा संगठन के लिए काम कर रही भाजपा नेत्री रानी बाग़री ने भी जुगलकिशोर बाग़री पर राजतंत्र चलाने के आरोप मढ़ कर अपनी दावेदारी मजबूत मान रही ।
सतना जिले की रैगाँव बिधानसभा सीट में 198942 कुल मतदाता है,, जिसमे पुरुष 105526 और महिला 93417 है,, बर्तमान में इस सीट पर बसपा की ऊषा चौधरी विधायक है,, और इस बार चुनावी समर में हाथी सिंबल के साथ घोषित उम्मीदबार है,, मगर भाजपा को पत्यसी चयन में पसीने छूटने तय है,, क्योंकि एक ही परिवार के तीन पीढी की एक ही सिंबल के लिए की गई दावेदारी से भाजपा संगठन पशोपेश में है,, टिकट किसे मिलती है ये जल्द तय हो जाएगा और 11 दिसंबर को रैगाँव का विधायक भी मिल जाएगा मगर कौन किस दल का होगा अभी कहना मुश्किल है, मगर यहां मुकावाला जबरजस्त होगा ये तय है, जब टिकट को लेकर ही घमासान है तो जीत के लिए घमासान होना लाजमी भी है ।