दिल्ली हाट आईएनए…

 

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जो शिल्पकार डी.सी.हैंडिक्राफ्ट्स के द्वारा पंजीकृत घोषित होते हैं, वे यहां स्थान पाने के पात्र होते हैं। यहां के स्टाल हस्तशिल्प वस्तुओं की बिक्री के लिए भारत की वृहद और विविधता वाली भूमि के कोने-कोने से आने वाले हस्तशिल्पियों को न्यूनतम भुगतान करने पर 15 दिनों के लिए रोटेशन के आधार पर आबंटित के जाते हैं।  इससे दर्शकों को मूल सामान उचित मूल्य पर प्राप्त हो जाता है जो उच्च निर्माण लागतों से प्रभावित नहीं होता।

 

आप भारत के विभिन्न क्षेत्रों के आनंदपूर्ण स्थानीय खाद्य पदार्थों के अभूतपूर्व स्वाद और सुगंध का मज़ा भी ले सकते हैं, चाहे वे सिक्किम के मोमोज़ हों अथवा नगालैण्ड का बम्बूज़ हॉट चिकन हो, जम्मू का कहवा एवं कबाब हों, महाराष्ट्र की पूरणपोली हो अथवा गुजराती ढोकला हो। भोजन के ये स्टाल आपको एक पर्यावरण हितैषी वातावरण में खाद्य पदार्थों की विभिन्न वैरायटी पेश करते हैं।

 

 

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दिल्ली हाट  में एक पारंपरिक हाट अथवा गांव के बाज़ार का माहौल दिखाई देता है, किन्तु यह एक ही स्थान पर अनेक पारंपरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। यहां आप हस्तशिल्प, भोजन और सांस्कृतिक गतिविधियों का सम्मिश्रण देख सकते हैं।

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यह फूड एंड क्राफ्ट बाज़ार, भारतीय संस्कृति, हस्तशिल्प और भिन्न-भिन्न भोजन का खज़ाना है।  शहर के हृदय में बसा एक अनोखा बाज़ार, जहां भारतीय संस्कृति की विपुल रूप में स्थायी तौर पर प्रदर्शित हैं।

 

एक आनंदमयी अनुभव के लिए परिसर के भीतर कदम रखें, यहां आप भिन्न किस्म के पहनावे खरीद सकते है अथवा भिन्न राज्यों के पकवानों का मज़ा ले सकते हैं अथवा अपने पूरे परिवार के साथ बस संध्या समय का लुत्फ उठा सकते हैं।

 

दिल्ली हाट आपको भरतीय कला और विरासत की जादुई दुनिया में ले जाती है, जहां हस्तशिल्प, भोजन और सांस्कृतिक गतिविधियों का शानदार परिदृश्य मौजूद होता है।

 

 

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जैसा कि विलेज हाट एक चलित, लोचशील व्यवस्था है, यहां शिल्पकार चलायमान स्थिति में रहते हैं। दिल्ली हाट क्राफ्ट स्टालों की व्यवस्था है, जहां पूरे देश से लाए गए देशी, उपयोगी और भिन्न किस्मों वाले उत्पाद बेचे जाते हैं।

 

एक महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में, दिल्ली पर्यटन और नई दिल्ली नगर पालिका, उपायुक्त (हस्तशिल्प), उपायुक्त (हथकरघा), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार एवं पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से इसकी स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य पूरे देश के ज़रूरतमंद कलाकारों को भारत की बहुमूल्य विरासत को जीवित तथा संरक्षित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है।

 

क्रेताओं और विक्रेताओं के बीच निर्बाध संपर्कों की अनुमति देते हुए, आयोजक मूल्यों को संतुलित रखने पर नज़र रखते हैं।

 

थोड़ी भिन्न और आकर्षित करने वाली, दिल्ली हाट दक्षिण दिल्ली के सर्वाधिक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक आईएनए मार्किट के सामने स्थित है। 6 एकड़ भूमि, जिस पर यह परिसर फैला हुआ है, एक पुनर्वास परियोजना के भाग के रूप में प्राप्त किया गया था और इसे शानदार ड्रीम प्लाज़ा में परिवर्तित किया गया। व्यापक आधार कार्य, छप्पर की धतों वाली छोटी-छोटी झोपड़ियां और कियोस्क एक गांव का माहौल पैदा करता हैं, जिससे यह स्थान एक आकर्षक बहुउद्देश्यीय केन्द्र में तब्दील हो चुका है।

 

 

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हाट शब्द का अभिप्राय ग्रामीण, उप-नगरीय और कभी-कभी भारत के शहरी क्षेत्रों में साप्ताहिक बाज़ार से है।

 

 

 

दिल्ली हाट केवल एक बाज़ार नहीं है; इसे पारंपरिक भारतीय संस्कृति के एक शोपीस के तौर पर देख गया है – एक ऐसा मंच जहां ग्रामीण जीवन और लोक कला को शहरी माहौल के करीब लाया गया है।

 

 

 

यहां हस्तशिल्पियों को प्रतिदिन आने वाले हज़ारों दर्शकों के समक्ष अपनी कला के प्रदर्शन का अवसर प्राप्त होता है।
मार्च, 1994 में अपने आरंभ होने से अब तक, दिल्ली हाट हज़ारों हस्तशिल्पियों और बुनकरों का घर बन चुकी है।

 

 

 

यह परिसर न केवल आकर्षक है, बल्कि अपनी प्रकृति से मनोरंजक भी है जहां पूरा परिवार आनंद ले सकता है।
यह वह स्थान है जहां कोई व्यक्ति सायंकाल का आनंद लेते हुए बहुत अधिक मूल्य चुकाए बिना तरह-तरह के पकवानों का लुत्फ ले सकता है।

 

 

 

यहां स्टालों पर विभिन्न राज्यों और संघशासित क्षेत्रों के बहुत अच्छे-अच्छे स्वाद वाले पकवान लिए जा सकते हैं; एक प्रदर्शनी हाल है; स्मृति चिह्न की बिक्री वाली एक दुकान है, जहां छोटी-छोटी गिफ्ट आइटम मिलती हैं; सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एक खुला मंच है और विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाया गया स्थान है जहां वे खेल-कूद सकते हैं।

 

 

 

वास्तुकला

 

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परिसर की वास्तुकला में पारंपरिक उत्तर भारतीय शैली की झलक है, जहां ऊंटों की चिनाई (लेटिस) वाली दीवारें और पत्थर की छतों की झलक मिलती है।

 

 

 

परिसर में बना हाल विशेषकर हथकरघा और हस्तशिल्प की प्रदर्शनियों के लिए काम आता है। सुविनियर शॉप में भिन्न-भिन्न उत्पादों को आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया है।

 

 

 

छप्पर से ढकी छोटी-छोटी झोंपड़ियां और कियोस्क, किसी कंक्रीट ढांचे के बिना गांव का माहौल उत्पन्न  करते हैं।

 

 

 

दुकानों को चबूतरों पर बनाया गया है, जो बाज़ार का रूप देने का काम करते हैं। दुकानों के बीच बने रास्तों पर पत्थर लगाए गए हैं और बेहतर दृश्यावली के लिए घास का उपयोग किया गया है।

 

 

पूरे क्षेत्र के परिदृश्य में रंगीन फूलों वाली झाड़ियों और पेड़ दिखाई पड़ते हैं, इस प्रकार पूरे परिसर में एक खुशनुमा वातावरण परिलक्षित होता है।

 

 

टिकट

टिकट का मूल्य व्यस्कों के लिए 20/- रु. और बच्चों के लिए 10/- रु. है।

 

कहां स्थित है: दिल्ली हाट, आईएनए
नज़दीकी मेट्रो स्टेशन : येलो लाइन पर आईएनए
खुलने का समय: आईएनए प्रातः 10.30 से रात्रि 10:00 बजे तक खुला रहता है।