Surajpur News: नए साल के नजदीक आते ही पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है. धार्मिक स्थलों पर पहुंचकर लोग नए वर्ष के लिए मंगलकामनाएं कर रहे हैं. वहीं पुराने वर्ष के विदाई की खुशी में पिकनिक पार्टी भी आयोजित किए जा रहे हैं. ऐसे समय में सूरजपुर जिले के धार्मिक और पर्यटन स्थलों में लोग परिवार और मित्र जनों के साथ पहुंच रहे हैं और एक अच्छा समय व्यतीत कर रहे हैं. इसी क्रम में जिले के सारासोर पिकनिक और धार्मिक केंद्र में हर दिन सैकड़ों पर्यटक और श्रद्धालु पहुंच रहे है.
जिला मुख्यालय सूरजपुर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर भैयाथान ब्लॉक में स्थित मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। बता दें कि सारासोर धार्मिक और पर्यटक स्थल है. इस स्थान का पौराणिक महत्व सदियों से है. यहां महानदी की निर्मल जलधारा दो पहाड़ियों को चीरती हुई बहती है. वहीं नदी में बहती अविरल धारा के बीच मौजूद शिव मंदिर लोगों को आकर्षित करता है. पहाड़ की प्राकृतिक खूबसूरती देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां घूमने और पिकनिक मनाने के लिए पहुंच रहे हैं.
ऐसी मान्यता है कि वनवास के दौरान भगवान श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी यहां आए थे और कुछ दिन ठहरे थे. यहां मौजूद पर्वत में एक गुफा भी है. जिसे जोगी महाराज की गुफा कहा जाता है. वही एक सीताकुंड भी है, जहां सीता जी ने स्नान किया था. और प्रभु श्री राम और माता सीता कुछ समय व्यतीत कर नदी मार्ग से पहाड़ के उस पार गए थे. यहां एक पौराणिक शिव मंदिर है और यहां कई नदियां आकर मिलती है. जिसके कारण इसका दृश्य देखते ही बनता है. प्रशासन की ओर से इस जगह को विकसित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.
पुरातत्व विभाग भी सारासोर में पौराणिक मंदिर होने का दावा करता है और इसे विकसित करने के लिए कई बार शासन को पत्र भी लिखा गया है. शासन ने भी इस ओर ध्यान देते हुए बहुत जल्द इसे एक अच्छे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही है. गौरतलब है कि सारासोर की प्राकृतिक खूबसूरती, पहाड़ को चीरती निर्मल धारा और पौराणिक मंदिर सब मिलकर इस जगह को बेहद ही खास और आकर्षक बना देते हैं.
नए साल के आगमन के मौके पर इस जगह पर इन दिनों सैकड़ों पर्यटक पहुंच रहे हैं और पिकनिक पार्टी इंजॉय करने के साथ ही भगवान शिव के मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. सारासोर जाने का एकमात्र साधन सड़क मार्ग है. वहीं निकटतम रेलवे स्टेशन सूरजपुर और करंजी स्टेशन है. पर्यटन स्थल तक बाइक, कार, बस या प्राइवेट ट्रांसपोर्ट से आसानी से पहुंचा जा सकता है.