मां-बाप से बेटे को अलग करने वाली पत्नी हो जाएं सावधान.. वरना खड़ी हो सकती है ऐसी मुश्किल!

Bilaspur High Court Decision: बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि पति के माता-पिता से अलग रहने की जिद करना और इस मुद्दे पर विवाद बढ़ाना पति पर मानसिक क्रूरता है। अदालत ने यह फैसला मुंगेली जिले के नवागढ़ की महिला और बेमेतरा के युवक के बीच हुए तलाक के मामले में सुनाया।

शादी के 6 महीने बाद शुरू हुआ विवाद

नवागढ़ की एक महिला की शादी बेमेतरा के युवक से हुई थी। शादी के मात्र छह महीने बाद ही दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। पत्नी ने पति पर अपने माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाया। जब पति ने ऐसा करने से इनकार किया, तो महिला बार-बार अपने मायके चली जाती थी।

झूठे आरोप और तलाक की स्थिति

महिला ने अपने पति पर घरेलू हिंसा का झूठा आरोप भी लगाया। इसके बाद पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दी। कोर्ट ने तलाक मंजूर करते हुए पति को महिला को ₹5 लाख का गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया।

पत्नी ने हाईकोर्ट में दी चुनौती

फैमिली कोर्ट के इस फैसले को महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। लेकिन हाईकोर्ट ने पति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी का व्यवहार मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। अदालत ने महिला की याचिका खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

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