हेल्थ डेस्क. गैस होना, पेट फूलना और गैस के कारण असुविधा होना एक सामान्य समस्या है. कई दफा लोग इसकी चर्चा नहीं करते. पर, यह समस्या खुलकर जीने भी नहीं देती. लेट नाइट पार्टी हो या टीवी देखते हुए स्नैक्स खाने की आदत. इन सभी आदतों में पहले मजा, बाद में सजा वाली कहानी सामने आती है. यानी गैस, अपच, पेट दर्द और पेट फूलना. कभी-कभार यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन इसका आए दिन बने रहना आपके जीवन को प्रभावित करने लगता है तो कुछ उपयोगी कदम उठाने की जरूरत है.
कुछ सामान्य गलतियां हैं मुख्य कारण. हमारी जीवनशैली की चौपट स्थिति हमारे स्वास्थ पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से प्रभाव डाल रही है. गैस बनने, पेट फूलने जैसी समस्या का भी यही मुख्य कारण है. जो लोग सामान्य तौर पर रात में भारी भोजन करते हैं, उन्हें इस तरह की समस्या बनी रहती है. इसके अलावा भोजन करने में समय का विशेष महत्व भी होता है. इसमें हुई गड़बड़ी भी आपको गैस की समस्या से जूझने पर मजबूर कर सकती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि सिर्फ पौष्टिक भोजन का ही नहीं, बल्कि उसे खाने के समय का ख्याल भी रखना होगा. इसके अलावा लोगों को कुछ खास चीजों से एलर्जी होती है, जिसकी वजह से उन्हें पेट में भारीपन महसूस होने लगता है. यह समस्या स्मोकिंग करने वालों को भी परेशान करती है.
कुछ चिकित्सकीय परिस्थियों के कारण भी आपको गैस और पेट फूलने की शिकायत हो सकती है. मधुमेह और रक्तचाप में खाई जाने वाली दवाइयों के कारण ऐसी परेशानी आ सकती है. इसके अलावा जिन लोगों को पित्त की थैली यानी गॉलब्लैडर में पथरी की शिकायत होती है, उन्हें भी गैस की समस्या होती है. अगर आप हृदय रोगी हैं तो आपको खासतौर पर ब्लोटिंग से बचने की जरूरत है. कई बार रोगी अटैक और गैस के दर्द में अंतर नहीं कर पाता। लिवर सिरोसिस के मरीजों को भी इसकी शिकायत होती है, लेकिन समस्या गंभीर हो तो चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है. इन सभी परिस्थितियों में घरेलू नुस्खों या खानपान में लगाम से काम नहीं चलता.
गैस के कारण तकलीफ सामान्य है तो दवाइयों की कम डोज या खानपान में सुधार करके काम चल जाता है. समस्या ज्यादा हो तो खास दवाओं का सहारा लेना पड़ता है, साथ ही आयरन और कैल्शियम की जरूरत को भोजन से पूरा करने की कोशिश की जाती है. बच्चा होने के बाद इस समस्या का मुख्य कारण है वसा. पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी शरीर की अंदरूनी प्रणाली को प्रभावित करती है, जिससे पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर पाता.
इन समस्याओं निजात आप कुछ इन तरीको द्वारा पा सकते है. अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो सबसे बड़ा इलाज है भोजन पर नियंत्रण. इस दौरान आपको बिना चबाने वाला भोजन ग्रहण करने की जरूरत है, यानी जो आसानी से पच जाए. समस्या होने पर टहलें, इससे एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव बढे़गा और पाचन क्रिया तेज होगी. समस्या अधिक होने पर आपको दवाओं का सहारा लेना पड़ेगा.
यहां आप दुर्घटना से सावधानी भली वाला फॉर्मूला अपनाएं। सबसे पहले अपने भोजन पर गौर करें. ऐसी चीजों को पहचानें, जिनको ग्रहण करने से आपको ये समस्या आमतौर पर हो जाती है. आपको ग्लूटन, मूंगफली, खोया या दूध के अन्य उत्पाद जैसी किसी भी चीज से एलर्जी हो सकती है. इनके अलावा कुछ सामान्य-सी बातों को अपनाने से आप पेट फूलने की इस समस्या से बच सकती हैं:
•रात के भोजन और सोने के बीच कम से कम दो-तीन घंटे का अंतराल रखें.
•भोजन के तुरंत बाद लेटे नहीं, टहलें. इससे खाना पचने में आसानी होगी.
•खाली पेट चाय न पिएं. अगर पहली चाय के साथ कुछ नहीं खातीं तो उससे पहले गुनगुना पानी जरूर पिएं.
•त्योहारों में या गरिष्ठ खानपान के बाद गुनगुना पानी पिएं.
•भोजन में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं.