फ़टाफ़ट डेस्क. भीषण गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। दोपहर में ही सूर्य की तल्ख किरणें शरीर को झुलसा रही हैं। कई प्रदेशों में लू जैसे हालात हैं। 46.8 डिग्री तापमान में दोपहर में थोड़ी दूरी चलने के बाद ही प्यास से गला सूखने लगता है। ऐसे में खीरा, ककड़ी व तरबूज का सेवन राहत देगा। इस दौरान हर चौराहे पर इसकी दुकानें भी लग गई हैं। यहां एक बात और जान लें कि इन मौसमी फलों का सेवन शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है। गर्मी में लू आदि का भी खतरा कम करते हैं।
बाजारों में इन दिनों मौसमी फल दिखते हैं। मंडी के थोक कारोबारी बताते हैं कि छोटे तरबूज तीन तरह के होते हैं। काले रंग का तरबूज सबसे बढिय़ा और मीठा होता है, क्योंकि यह देशी प्रजाति का है। हरे रंग का तरबूज कम मीठा होता है। यह हाइब्रिड प्रजाति का है। हरे और धानी रंग का तरबूज अभी नहीं आ रहा है। इसे खाने से प्यास भी कम लगती है। अब जून तक इसकी खूब डिमांड में लगातार वृद्धि होगी।
तरबूज खाने के क्या फायदे हैं?
आपको हाइड्रेटेड (शरीर में नमी बनाए रखना) रखता है।
ब्लड शुगर मैनेजमेंट में मदद करता है।
वज़न घटाने में मदद करता है।
कार्डियोवैस्कुलर रोगों को रोकने में मदद करता है।
अस्थमा की गंभीरता को कम करता है।
दांतों की समस्याओं को कम करता है।
सूजन से लड़ता है।
नसों के काम-काज के लिए अच्छा है।
गर्मी के लिए रामबाण हैं मौसमी फल
खीरा और ककड़ी गर्मी में लू से बचने के लिए मौसमी फल रामबाण का काम करते हैं। तरबूज और खरबूज और आम का पन्ना तेज गर्मी में शरीर को राहत प्रदान करते हैं। मौसमी फलों का आप सेवन करें ही, लू से बचाव के कुछ अन्य उपाय भी कर सकते हैं। सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में आने से बचें।
– यदि वाहन में एसी का उपयोग कर रहे हैं, तो अचानक उसमें से बाहर निकलने से बचें।
– हल्के रंग के सूती कपड़े पहने।
– पूरी बांह के कपड़े पहनकर ही घर से बाहर निकलें।
– बाहर निकलें तो सिर को टोपी या किसी कपड़े से ढकें।
– ऐसे मौसम में पानी खूब पीएं
– खीरा, ककड़ी और तरबूज जैसे फलों का सेवन करें।
– यदि लू लगे तो अधिक से अधिक पानी पीएं।
– बुखार, पेटदर्द या दस्त हो तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें।