आज के समय में 100 वर्ष तक की उम्र तक जी पाना हर किसी के बस की बात नही है। वहीं अब वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में हर व्यक्ति कम से कम 140 वर्ष तक जी सकेगा। जी हां यह सच है हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि भी की है। एक सामान्य इंसान आखिर किस प्रकार से 140 वर्ष तक जीवित रह सकता है इसका रास्ता भी वैज्ञानिकों ने सुझाया है। वैज्ञानिको का कहना है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी पर आधारित ‘आर्टिफिशल इंटेलीजेंस‘ के जरिये आने वाले समय में इंसान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे। इसी के चलते वह 140 वर्ष तक जी सकेंगे।
आपको बता दें कि वैज्ञानिको ने यह बात विश्व आर्थिक मंच की शिखर बैठक में बताई जो कि दावोस में चल रही है। बैठक में वैज्ञानिको ने बताया कि जिस प्रकार से प्रौद्योगिकी का क्षेत्र लगातार ऊपर की ओर जा रहा है। उसे देखते हुए आने वाले समय में अस्पतालों की भूमिका महज आपात चिकित्सा कक्ष तक सीमित रह जाएगी।
इस बैठक में आये माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नारायणा नडेला ने इस बारे में कहा कि “डिजटल प्रौद्योगिकी की क्रांति आने वाले समय में चिकित्सा के क्षेत्र को इतना बदल देगी कि डाटा से लैस चिकित्सा तथा कृत्रिम ज्ञान की प्रौद्योगिक से जानकार लोग रोग का इलाज ढूंढने में बड़े बड़े डॉक्टरों को पीछे छोड़ देंगे। इसके अलावा अस्पतालों का प्रबंधन भी डिजिल प्रौद्योगिकता के परिपूर्ण बनेगा तथा मेडिकल रिकार्ड भी उसी समय उपलब्ध हो सकेंगे।” वैज्ञानिको का कहना है कि “दवाइयों का प्रौद्योगिकता के तालमेल से अब दुनिया स्वास्थ्य के प्रति तरक्की करती दिखाई पड़ रही है। आगे के समय में आम लोग करीब 140 वर्ष तक जी सकेंगे क्योंकि वे अपनी बिमारी का प्रबंध खुद ही करने लगेंगे तथा अस्पताल महज चिकित्सा कक्ष भर रह जायेंगे।” इस प्रकार से बढ़ती हुई तकनीकी शिक्षा अब आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा कार्य करने जा रही है। यही कारण है कि वैज्ञानिक अब आम लोगों के 140 वर्ष तक जीने की बात कर रहें हैं।