
अमेरिका की कॉमिक्स और हॉलीवुड फिल्मों में लोकप्रिय कल्पनीय सुपरहीरो ‘स्पाइडरमैन’ का असल जीवन में अस्तित्व नहीं हो सकता। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक नए शोध में यह बात कही है।
अमेरिका के जरनल ‘प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल अकादमी’ में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने यह खुलासा किया है कि गेकोस नामक सरीसृप प्रजाति अपने चिपचिपे पैरों के सहारे आराम से दीवारों पर चढ़ने में सक्षम है।
इस परिणाम के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग में कार्यरत डेविड लाबोंटे और उनके सहयोगियों ने कीड़े, मेंढक, मकड़ियों, छिपकली और यहां तक कि स्तनपायी जानवरों सहित दीवारों पर चढ़ने वाली करीब 225 प्रजातियों के जंतुओं के वजन और आकार की तुलना की।
उन्होंने पाया कि वजन के अनुसार जंतुओं के पैरों के पंजों का चिपकने वाला क्षेत्र बढ़ा हुआ होता है। उदाहरण स्वरूप, दीवारों पर चढ़ने के मामले में गेकोस सबसे आगे है और इसके लिए वह अपने शरीर के आकार से 200 गुना अधिक अपने चिपचिपे पंजों का इस्तेमाल करता है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जंतु विभाग से संबद्ध अध्ययन के वरिष्ठ लेखक वॉल्टर फेडर्ले ने कहा, ‘प्रवर्धन के नियमों को देखा जाए तो मनुष्य को ‘स्पाईडरमैन’ की तरह चढ़ने के लिए अपने चिपचिपे पंजों के लिए शरीर का 40 प्रतिशत हिस्से के क्षेत्र की जरूरत होगी।’




