कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़तोरी और पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार ने प्रतिबंधों को फिर से लागू करने पर विचार करने के लिए कहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को 10 राज्यों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। स्वास्थ्य सचिव ने केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मणिपुर के प्रतिनिधियों से कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में 10 प्रतिशत से अधिक की पॉजिटिविटी रेट रिपोर्ट करने वाले सभी जिलों को सख्त प्रतिबंधों पर विचार करने की आवश्यकता है। मंत्रालय ने कहा कि इस स्तर पर किसी भी तरह की ढिलाई से इन जिलों में स्थिति बिगड़ सकती है।
बैठक में मौजूद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि प्रतिदिन 40000 ने मामले के साथ समझौते करने की जरूरत नहीं है। भारत में लगभग 46 जिले 10 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट रिपोर्ट कर रहे हैं और 53 जिले ऐसे हैं जो कि खतरे की ओर बढ़ रहे हैं। यहां पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 प्रतिशत के बीच है। कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए मंत्रालय की ओर से इन राज्यों को 4 प्वाइंट में दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
जिनमें पहला है कि जहां ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं वहां काबू करने के प्रयास किए जाए और निगरानी रखी जाए। दूसरी बात मामलों की मैपिंग की जाए और संपर्कियों का पता लगाना और नियंत्रण क्षेत्रों को परिभाषित करना है। तीसरा निर्देश ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और बाल चिकित्सा देखभाल पर ध्यान देना है। चौथा निर्देश है कि मौत पर नजर रखना और गणना करना।
मंत्रालय ने कहा कि इन 10 राज्यों में 80 प्रतिशत से अधिक सक्रिय मामले होम आइसोलेशन में हैं। इन लोगों पर नजर रखने की जरूरत पर जोर देते हुए मंत्रालय ने कहा कि इन मरीजों की निगरानी के लिए समुदाय, गांव मोहल्ला, वार्ड आदि के स्तर पर स्थानीय निगरानी होनी चाहिए ताकि यह पता लग सके कि कहीं उनको अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत तो नहीं है।