इस चुनावी सीजन में बॉलीवुड से लेकर भोजपुरी सिनेमा तक के कई सितारों के चर्चे रहे। हेमा मालिनी से लेकर कंगना रनौत, रवि किशन तक कई सितारों ने चुनावी रणक्षेत्र में बाजी मारी। जहां कुछ पहले से ही राजनीति से जुड़े थे, वहीं कुछ के लिए ये बिलकुल नया था। इस चुनावी सीजन में तेलुगु सुपरस्टार पवन कल्याण ने भी सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश विधानसभा में पिथापुरम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जबरदस्त जीत हासिल की। जन सेना के अध्यक्ष पवन कल्याण ने इस चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की प्रतिद्वंद्वी वंगा गीता को 70,000 से ज्यादा वोटों से मात दी। सिनेमाई दुनिया में जादू बिखेरने वाले सुपरस्टार की यह पहली राजनीतिक जीत है, जिससे इस बात का संकेत मिलता है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है।
डिप्टी सीएम बने पवन कल्याण
चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए हैं तो वहीं पवन कल्याण डिप्टी सीएम चुने गए हैं। चंद्रबाबू नायडू ने आज लगातार चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं पवन कल्याण ने डिप्टी सीएम की। चंद्रबाबू नायडी के शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा चिरंजीवी और रजनीकांत जैसे सितारे भी मौजूद रहे। पवन कल्याण की पार्टी जनसेना ने दो सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा और दोनों पर जीत हासिल की। वहीं आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। ऐसे में पवन कल्याण की खूब चर्चा हो रही है।
कौन हैं पवन कल्याण?
पवन कल्याण साउथ फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने स्टार हैं और इस बात से ज्यादातर लोग वाकिफ हैं। लेकिन, पवन कल्याण का असली या ये कहें कि पूरा नाम शायद ही आप जानते हों। पवन कल्याण का असली नाम कोनिडेला कल्याण बाबू है और उन्हें तेलुगु सिनेमा का ‘पावर स्टार’ कहा जाता है। वह साउथ सिनेमा के सुपरस्टार चिरंजीवी के छोटे भाई और राम चरण के चाचा हैं। उन्होंने अपने सिनेमाई करियर की शुरुआत ‘अक्कड़ अम्माई लक्कड़’ से की थी, जो 1996 में रिलीज हुई थी। उन्होंने साउथ सिनेमा को कई बड़ी हिट फिल्में दी हैं। साल 1998 में रिलीज हुई ‘ठोली प्रेमा’ के लिए उन्हें अवॉर्ड भी मिला था। पवन कल्याण को सिनेमा जगत में 2 दशक से ज्यादा का समय हो गया है और आज भी उनका जलवा कायम है।
पवन कल्याण का राजनीतिक सफर
पवन कल्याण ने बड़े भाई चिरंजीवी के साथ मिलकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। चिरंजीवी ने 2008 में प्रजा राज्यम पार्टी की स्थापना की, लेकिन इस पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया और फिर पवन राजनीति जगत में ज्यादा एक्टिव नहीं रहे। वहीं पवन भी इस पार्टी से बाहर हो गए। फिर साल 2014 में पवन ने जनसेना पार्टी की स्थापना की मगर 2014 में चुनाव नहीं लड़ा। साल 2019 में उन्होंने इस पार्टी से अकेले चुनाव लड़ा और इस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इस हार के बाद भी उन्होंने 2024 में हुए चनाव में खड़े होने का फैसला किया और जनसेना पार्टी से सिर्फ अपनी ही नहीं, बाकि कि सीटों पर भी जीत हासिल की।
पवन कल्याण की पर्सनल लाइफ
पवन कल्याण की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने तीन शादियां की हैं। पहली पत्नी का नाम नंदिनी है, जिनसे सुपरस्टार ने 1997 में शादी की और 2008 में दोनों अलग हो गए। नंदिनी से अलग होने के बाद पवन कल्याण ने 2009 में रेनू देसाई से शादी की मगर ये शादी 3 साल भी नहीं चल पाई और 2012 में दोनों का तलाक हो गया। रेनू से तलाक के बाद पवन ने 2013 में अन्ना लेजनेवा से शादी कर ली। वहीं उनके बच्चों की बात करें तो पहली पत्नी से उनके कोई बच्चे नहीं हैं, जबकि दूसरी पत्नी रेनू से बेटा अकीरा और बेटी आध्या हैं। तीसरी पत्नी से उनका एक बेटा और पत्नी अन्ना की पहली शादी से एक बेटी है, जिसे वह अपनी बेटी की तरह रखते हैं।