
मुजफ्फरनगर। मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर देशभर में हंगामा हो रहा है। इसी विवाद को लेकर महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसक झड़प हुई है। अब ये मामला यूपी में भी आग पकड़ रहा है। यूपी के मुजफ्फरनगर में तो औरंगजेब की कब्र तोड़ने वाले को 5 बीघा जमीन और 11 लाख रुपए तक देने की घोषणा की गई है।
क्या है पूरा मामला?
मुजफ्फरनगर में आज मंगलवार दोपहर जिलाधिकारी कार्यालय पर सैकड़ों शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा नागपुर कांड को लेकर जमकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान शिवसेना कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब मुर्दाबाद और भारत माता जिंदाबाद के नारे लगाए। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जय भवानी, जय शिवाजी के नारे लगाते हुए कहा कि औरंगजेब का समर्थन करने वाले को जूते मारने चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान शिवसेना कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी भेंट किया, जिसमें मांग की गई कि देश में मुगल शासक औरंगजेब सहित सभी विदेशी मुगल शासकों की कब्र और उनके नाम से बनाई गई सड़कों और स्मारकों का नाम हटाया जाए।
शिवसेना के जिलाध्यक्ष ने की बड़ी घोषणा
प्रदर्शन के बीच शिवसेना के जिलाध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति औरंगजेब की कब्र को तोड़ेगा, उसे वह 5 बीघा जमीन और 11 लख रुपए इनाम के तौर पर देंगे। इसके साथ ही शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि नागपुर कांड के सभी दोषियों और औरंगजेब का समर्थन करने वाले सभी जिहादियों की भारतीय नागरिकता समाप्त कर उन पर रासुका लगाई जाए और उन्हें पाकिस्तान और बांग्लादेश भेज दिया जाए।
कैसे उठा औरंगजेब की कब्र हटाने का मामला?
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के बयान से इस मामले ने तूल पकड़ा। उन्होंने औरंगजेब को अच्छा राजा बताया था। हालांकि बाद में प्रेशर बढ़ने पर उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब का मकबरा हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि इस काम को कानून के दायरे में करना चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने औरंगजेब के मकबरे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सौंप दिया था।
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने भी औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग की थी। इसके बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद भी इस मामले में कूद पड़ा और उसने कह दिया कि अगर ये कब्र नहीं हटाई गई तो वह प्रदर्शन करेंगे।