नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी जानकारी दी है। भारत बायोटेक ने उम्मीद जताई है कि वह जून 2021 तक Covaxin के लिए रेगुरेलटरी अप्रूवल के लिए अप्लाई करेगी। कंपनी के मुताबिक देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर जो ट्रायल किया जा रहा है कि उसका डेटा निकालने में कम से कम अभी 6 महीने का वक्त लगेगा। मीडिया से बात करते हुए भारत बायोटेक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर साई प्रसाद ने कहा कि Covaxin का फेज 1-2 क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि जल्द ही 26 हजार से ज्यादा लोगों पर ट्रायल का तीसरा चरण शुरू किया जाएगा।
साई प्रसाद ने बताया कि कपंनी ने कोरोना वायरस की वैक्सीन पर 400 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट किया है, जिसमें से सबसे अधिक खर्च इसके ट्रायल पर हो रहा है। प्रसाद ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की इमर्जेंसी अप्रूवल हमारे हाथ में नहीं है। भारत के ड्रग कंटोलर्स के पास सारा डाटा उपलब्ध है। वो हमारे ट्रायल पर हर वक्त नजर बनाए हुए हैं। ऐसे में वह चाहें तो कभी भी इमर्जेंसी अप्रूवल दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से इशारा मिला है कि कुछ इंडस्ट्रीज जरूरत पड़ने पर सीधे वैक्सीन खरीद सकती हैं। तो ऐसे मुद्दों पर सरकार को ही फैसला करना होगा।
प्रसाद ने कहा कि भारत की आबादी को देखते हुए यहां पर बड़ी संख्या में ट्रायल जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारी आबादी जितने जो भी देश हैं वह बड़े पैमाने पर वैक्सीन का ट्रायल कर रहे हैं। हम सभी के लिए वैक्सीन की सेफ्टी सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि कंपनी फेज 3 का ट्रायल पूरा होने का इंतजार करती है तो फाइनल लाइसेंस अगले साल की दूसरी तिमाही तक आ सकता है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित कोवैक्सिन ऐसा टीका है, जिसमें शक्तिशाली इम्यून सिस्टम विकसित करने के लिए कोविड-19 वायरस के ‘मारे गए विषाणुओं’ को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। वहीं भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्सीन ‘कोवीशील्ड’ बना रहा है। माना जा रहा है कि उसका कार्य भारत बायोटेक से आगे चल रहा है। कहा जा रहा है सीरम इंस्टीट्यूट ने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए लोगों की चुनाव भी करना शुरू कर दिया है।