Video: मैगी पैकेट में कीड़े मिलने से मचा बवाल, हरकत में आए खाद्य विभाग ने की छानबीन, दुकानदार और होलसेलर को नोटिस

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक उपभोक्ता द्वारा मैगी में कीड़े मिलने की शिकायत के बाद जिला खाद्य विभाग अलर्ट हो गया है। इस घटना से लोगों में चिंता फैल गई है, और खाद्य विभाग की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की है। जबलपुर के कटंगी क्षेत्र के निवासी अंकित सेंगर ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज की थी कि उन्होंने जो मैगी का पैकेट खरीदा, उसमें कीड़े मिले। इस शिकायत के बाद खाद्य विभाग की टीम ने तुरंत कटंगी क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने दुकानदार और शिकायतकर्ता से मुलाकात की।

टीम ने न केवल कीड़े लगी मैगी के सैंपल को जप्त किया, बल्कि जिस दुकान से मैगी खरीदी गई थी, वहां भी जांच पड़ताल की। जप्त किए गए सैंपल को भोपाल स्थित खाद्य प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया गया है। खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, जिस दुकान से मैगी बेची गई थी और संबंधित होलसेलर को भी नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा, मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले को भी इस घटना के बारे में सूचित किया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।

बच्चों से लेकर बड़ों तक मैगी की दीवानगी

मैगी देश के हर कोने में लोकप्रिय है। चाहे बच्चे हों या बड़े, हर कोई मैगी का दीवाना है। यह फटाफट बनने वाला नाश्ता हर उम्र के लोगों की पसंद बन चुका है। खासतौर पर बच्चों में इसका क्रेज देखते ही बनता है। मैगी को अक्सर स्कूल के टिफिन, शाम के नाश्ते या फिर यात्रा के दौरान झटपट तैयार भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस दीवानगी के बीच इस तरह की घटना निश्चित रूप से उपभोक्ताओं के मन में चिंता पैदा करती है।

पर्यटन स्थलों में मैगी की दीवानगी

भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर भी मैगी का चलन बहुत ज्यादा है। पहाड़ों से लेकर समुद्र तटों तक, हर जगह मैगी के स्टॉल्स मिल जाएंगे। पर्यटकों के लिए मैगी एक आसान और सस्ता विकल्प होता है, जिसे वे तुरंत तैयार कर सकते हैं और उसका आनंद ले सकते हैं। ठंडे मौसम में पहाड़ों पर गरमा गरम मैगी खाने का अलग ही मज़ा है। लेकिन जब इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, तो लोगों में ब्रांड की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगते हैं।

इस घटना ने खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों की सतर्कता को और बढ़ा दिया है। उपभोक्ता अपने द्वारा खरीदे गए खाद्य पदार्थों को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं। खाद्य विभाग का कर्तव्य है कि वह ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो। इस मामले में खाद्य विभाग ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है और जाँच के नतीजों के आधार पर कदम उठाएगा। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे राज्य में उपभोक्ता सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करती है।

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