
नई दिल्ली। देश के अगले उपराष्ट्रपति का चुनावी माहौल गर्मा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगे। यह फैसला नई दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुई एनडीए नेताओं की उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री और नड्डा को उम्मीदवार चुनने का अधिकार सौंपा गया।
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, गृह मंत्री अमित शाह, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान, टीडीपी के लवू कृष्ण देवरायलु और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास अठावले मौजूद रहे। शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले ही भाजपा के उम्मीदवार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, जबकि उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होगा। यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से दिए गए इस्तीफे के बाद हो रहा है, हालांकि राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर अन्य अटकलें भी तेज हैं। संसद में मजबूत संख्याबल होने के कारण एनडीए के उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं, इसलिए यह पद राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है।
उधर, विपक्षी खेमे में भी हलचल तेज है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विभिन्न दलों से बातचीत कर संयुक्त उम्मीदवार उतारने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष के कुछ नेताओं का मानना है कि बीजेपी द्वारा नाम की घोषणा के बाद ही ‘इंडिया गठबंधन’ को अपने उम्मीदवार का नाम सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि राजनीतिक संदेश और प्रभाव दोनों स्पष्ट हों।