छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दिग्गज नेता रमेश वर्ल्यानी का निधन हो गया। दो दिन पहले उनको दिल का दौरा पड़ा था। उन्हें एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था। उन्हें लीवर से जुड़ी समस्याएं थीं। रविवार को दोपहर 12 बजे इलाज के दौरान उनकी सांस थम गई। उनका पार्थिव शरीर रायपुर लाया जा रहा है। सोमवार सुबह 11 बजे उनके टैगोर नगर निवास से अंतिम यात्रा मारवाड़ी श्मशान घाट के लिए निकलेगी।
15 नवम्बर 1947 को जन्मे रमेश वर्ल्यानी समाजवादी धड़े के नेता थे। दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा के करीबियों में शामिल वर्ल्यानी अभी प्रदेश कांग्रेस में प्रवक्ता थे। उन्हें आर्थिक और कर संबंधी मामलों की विशेषज्ञता थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का घोषणा पत्र बनाने में भी वर्ल्यानी की भूमिका चर्चा में रही है।
1977 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान रायपुर ग्रामीण सीट से वे जनता पार्टी के उम्मीदवार थे। उन्होंने कांग्रेस के स्वरूप चंद जैन को हराकर वह सीट जीती थी। हालांकि 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर दोबारा वापसी की। बाद में उन्होंने जनता दल के टिकट पर धरसीवां से भी चुनाव लड़ा। रमेश वर्ल्यानी ने बाद में कांग्रेस जॉइन कर लिया। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी वे कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दे चुके हैं।
रमेश वर्ल्यानी सामाजिक क्षेत्र में भी काफी सक्रिय थे। वे सिंधी पंचायत जैसे कई संगठनों से जुड़े हुए थे। उनके ही प्रयासों से छत्तीसगढ़ में सिंधी परिषद का गठन किया गया था। जीएसटी, आर्थिक नीतियों और सामाजिक सरोकारों को लेकर वे सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी रमेश वर्ल्यानी के निधन पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, पूर्व विधायक, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश वर्ल्यानी जी का निधन शोक संतप्त करने वाला है। वे आर्थिक मामलों के अच्छे जानकार थे। मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए और अब भी उनसे समय-समय पर सलाह मशविरा करता रहा। ईश्वर उनके परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित कांग्रेस संगठन के तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।