FatafatNews Desk: हायर एजुकेशन के लिए अब किसी भी छात्र-छात्राओं को नहीं होगी पैसों की कमी। मतलब सभी कॉलेज स्टूडेंट्स स्टडी करने के साथ-साथ पैसा भी कमा सकेंगे। स्टूडेंट्स को अध्ययन के दौरान ही रोजगार या फिर अपना काम शुरू करने के लिए काबिल बनाया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की विशेषज्ञ समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत् सामाजिक-आर्थिक वंचित वर्ग के युवाओं को समान मौके देने के लिए दिशा निर्देश तय किए हैं। इसमें स्टूडेंट्स को अर्न व्हाइल लर्न (Earn While Learn) यानी की अध्ययन के साथ साथ कमाई योजना के तहत् सशक्त बनाया जाएगा।
अर्न व्हाइल लर्न योजना के तहत् गरीब व पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए एक नया अवसर दिया जाएगा। आइए जानते हैं, अर्न व्हाइल लर्न योजना का क्या उद्देश्य हैं-
1. गरीब व पिछड़े वर्गों के छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार या स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना।
2. इन छात्रों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करना।
3. शिक्षा में समानता को बढ़ावा देना।
Earn While Learn योजना के जानिए मेन प्वाइंट
– उच्च शिक्षण संस्थानों और कॉलेजों में एसईडीजी (सामाजिक-आर्थिक वंचित वर्ग) प्रकोष्ठ खोले जाएंगे।
– इन प्रकोष्ठों की जिम्मेदारी इन वर्गों के छात्रों की दिक्कतों, अधिकारों और आगे बढ़ने में इनकी मदद करना होगा।
– छात्रों को दाखिला प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
– उनकी भाषा और अन्य विषयों से संबंधित दिक्कतों को ब्रिज कोर्स के माध्यम से दूर किया जाएगा।
– छात्र की क्षमता और पसंद के आधार पर रोजगार या अपना काम धंधा शुरू करने के लिए कोर्स भी करवाए जाएंगे।
– लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार, सीमा क्षेत्र, नॉर्थ-ईस्ट, ग्रामीण व दूरदराज के गांव व कस्बे, आदिवासी क्षेत्र, आंकाक्षी जिले, भूकप व बाढ़ ग्रस्त इलाके को मुख्य रूप से फोकस किया जाएगा।
– यह प्रकोष्ठ इन वर्गों के छात्रों की दिक्कतों, अधिकारों और आगे बढ़ने में इनकी मदद करेगा।
इन वर्गों के विद्यार्थियों को आगे लाने की तैयारी इस योजना के तहत् महिला, ट्रांसजेंडर अनुसूचित जाति, अनुसुचित जनजाति, इंडब्ल्यूएस, क्रीमी लेयर ओबीसी, अल्पसंख्यक, क्षेत्रीय भाषा माध्यम स्कूल, पहली पीढी के शिक्षित वर्गों को सशक्त बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा दिव्यांगजनों की श्रेणी में 40 फीसदी से अधिक वाले दिव्यांगजन और शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक दिव्यांगजन के अलावा बीपीएल, प्रवासी समुदाय, खानाबदोश जनजाति, बाल भिखारी, असुरिक्षत स्थितियों में रहने वाले छात्रों समेत मानव तस्करी में शामिल परिजनों के बच्चों, कोरोना में माता-पिता खोने वाले छात्रों को आगे लाने पर काम होगा।
योजना के क्रियान्वयन के लिए चुनौतियां-
– योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करना।
– योग्य शिक्षकों और प्रशिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
– छात्रों को रोजगार या स्वरोजगार के अवसरों से जोडना।
– यह योजना गरीब व पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए एक अहम अवसर है।
इस बाबत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव ने बताया कि, राज्यों और विश्वविद्यालयों को एसईडीजी के दिशा निर्देश भेजे गए हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों और कॉलेजों में एसइंडीजी प्रकोष्ठ खोले जाएंगे। कॉलेज सीईडीजी के तहत अपनी गाइडलाइन भी तैयार कर सकते हैं।