कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में लॉकडाउन के दौरान एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. इसे करिश्मा ही कहेंगे. कि जिस इंसान की अर्थी तैयार हो चुकी हो. और श्मशान ले जाने के लिए लोग इकट्ठा हो गए हों. वह इंसान अचानक जी उठे. कुछ ऐसा ही हुआ जब अचानक से मुर्दा उठा और बोला कहां ले जा रहे हो मुझे.
कानपुर के नयागंज में पानी के बताशे की मशहूर दुकान चलाने वाले शंकर बताशे वाले को दिवंगत समझ परिजनों ने उनके दाह संस्कार की तैयारियां कर ली थी. लेकिन जब उनको अर्थी पर लेटाया जाने लगा. वह बोल उठे कि कहां ले जा रहे हो. जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया.
यह देख सभी हैरत में आ गए और आनन-फानन में उनको अस्पताल ले जाया गया. जहां चार घंटे बाद उनका निधन हो गया. हरबंश मोहाल थाने के 64/80 गड़रिया मोहाल में रहने वाले 80 वर्षीय शंकर की रविवार तडके तबीयत खराब हुई और उनका शरीर मृत मिला.
सांस और धड़कन न चलने से उन्हें परिजनों ने मृत समझ लिया. उनके दाह संस्कार की तैयारियां होने लगीं. उनकी अर्थी तैयार हो गई और कंडे भी सुलगा दिए गए. जब उनको सुबह 11 बजे नीचे उतार कर लाया जाने लगा. तो उन्हें होश आ गया और इशारों में कहा कि कहां ले जा रहे हो.
इस पर परिजनों में आशा की एक किरण दिखी और आसपास के लोग भी हतप्रभ हो गए. आनन फानन में माल रोड के नार्थ स्टार अस्पताल ले जाया गया. चार घंटे जीवित रहने के बाद उनका निधन हो गया. भगवतदास घाट में उनका अंतिम संस्कार कराया गया.