नई दिल्ली। कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बाद अब इसके सब वेरिएंट BA.2 ने दशहत पैदा कर दी है। साउथ कोरिया में एक दिन में इस सब वेरिएंट 6 लाख केस दर्ज किए गए हैं। यूनाइटेड किंगडम और अन्य यूरोपीय देशों में भी ओमिक्रॉन का यह सब वेरिएंट खौफ पैदा कर रहा है। हालांकि भारत में इस सब वेरिएंट से जुड़े खतरे को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट ज्यादा चिंतित नहीं हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना की तीसरी लहर से मिली बूस्टेड इम्युनिटी बताई जा रही है।
भारत में पिछले साल दिसंबर से लेकर इस साल फरवरी के बीच कई राज्यों में कोविड वैक्सीनशन की रफ्तार तेज हो गई थी। महाराष्ट्र में स्टेट हेल्थ सर्विस के पूर्व महानिदेशक, डॉ सुभाष सालुंखे ने कहा कि, हम भारत में आने वाली कोरोना की चौथी लहर को हल्के में नहीं ले सकते हैं क्योंकि दुनिया के कई देशों में यह सब वेरिएंट पैर पसार रहा है। हालांकि यह कहना मुश्किल है कि देश में कोविड की चौथी लहर कब आएगी और यह कितनी गंभीर होगी।
कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट, जिसकी पिछले साल नवंबर में साउथ अफ्रीका में पहचान हुई थी। इस वेरिएंट में 50 से ज्यादा म्यूटेशन थे। हालांकि शुरुआत में अति संक्रामक होने की वजह से इस वेरिएंट ने डर पैदा कर दिया था, लेकिन बाद में इससे होने वाली गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने की दर और मौत का आंकड़ा काफी कम रहा. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि, यह सब देश में कोरोना वैक्सीनेशन की वजह से हुआ, जिसके चलते बड़ी आबादी को बेहतर इम्युनिटी मिली।
महाराष्ट्र कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य शशांक जोशी का कहना है कि, भारत में कोरोना की ताजा लहर की संभावना कम है। इजराइल में मिले कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को भी चिंताजनक वेरिएंट की सूची में नहीं रखा गया है। इसलिए जब तक कोविड का कोई अति गंभीर वेरिएंट सामने नहीं आता है तब तक खतरे की कोई बात नहीं है। हालांकि फिर भी हमें मास्क पहनना चाहिए।