Kashi Vishwanath Mandir, Ganga River Flood, Banaras: उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। जिससे स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी की गई ताजा रिपोर्ट के अनुसार गंगा का जलस्तर 68 मीटर के ऊपर पहुंच चुका है और यह लगभग 3-4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ता जा रहा है।
गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का असर पूरे शहर पर देखने को मिल रहा है। घाटों पर स्थिति गंभीर हो गई है क्योंकि सभी प्रमुख घाटों का संपर्क टूट गया है और वहाँ स्थित मंदिर जलमग्न हो चुके हैं। गंगा की लहरें अब उन जगहों तक पहुँच रही हैं जो सूखी रहती हैं। स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो अगले 24 से 48 घंटों के भीतर यह खतरे के निशान को पार कर सकता है।
गंगा का बढ़ता जलस्तर न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि वहाँ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी एक चुनौती बन गया है। विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती आमतौर पर दशाश्वमेध घाट पर आयोजित होती है। अब गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण छतों पर संपन्न की जा रही है। श्रद्धालुओं को आरती के दर्शन के लिए छतों या नावों पर खड़े होकर टकटकी लगाए देखना पड़ा।
इसके साथ ही वाराणसी के गंगा आरती आयोजन समिति ने गंगा के बढ़ते जलस्तर के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था को बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। आरती के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए छतों पर विशेष व्यवस्था की गई है ताकि लोग गंगा आरती के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करें।
हालांकि स्थानीय प्रशासन द्वारा चेतावनी जारी की गई है कि अगले कुछ दिनों में गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है। इसलिए सभी नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राहत और बचाव दलों को भी तैनात कर दिया गया है।
गंगा का बढ़ता जलस्तर वाराणसी के लिए एक बड़ी चुनौती है लेकिन स्थानीय प्रशासन और नागरिकों के सहयोग से इस स्थिति का सामना किया जा रहा है। गंगा नदी वाराणसी की जीवनरेखा है और इस नदी का हर बदलाव शहर के जीवन को प्रभावित करता है। इसलिए सभी नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में धैर्य बनाए रखें।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन ने अगले 24 से 48 घंटों को निर्णायक समय माना है और सभी आवश्यक कदम उठाने की तैयारी कर ली है। गंगा का जलस्तर और बढ़ने पर क्या कदम उठाए जाएँगे यह प्रशासन की प्राथमिकता सूची में शामिल है और इस पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है