
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में सोमवार को लोकसभा में जब प्रश्नकाल शुरू हुआ, तो विपक्षी दलों के सांसदों की नारेबाजी और तख्तियों के प्रदर्शन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सदन की गरिमा को गिराने और कार्यवाही में बाधा डालने की यह रणनीति अब स्वीकार्य नहीं है। स्पीकर ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सीधे संबोधित करते हुए कहा, “माननीय नेता प्रतिपक्ष, आप अपने सदस्यों को समझाइए, जनता ने उन्हें पर्चियां फेंकने और तख्तियां लहराने के लिए संसद नहीं भेजा है।”
हंगामे की वजह बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष का विरोध था। जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसद ‘SIR वापस लो’ के नारे लगाने लगे। इससे खिन्न होकर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “देश जानना चाहता है कि आखिर प्रश्नकाल को बार-बार क्यों बाधित किया जा रहा है? आप नियोजित तरीके से सदन नहीं चलने देना चाहते।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा से क्यों पीछे हट रहा है, जबकि पहले खुद चर्चा की मांग की थी।
बिरला ने संसद की गरिमा का हवाला देते हुए कहा, “यह सदन केवल किसी एक दल का नहीं, बल्कि देश की 140 करोड़ जनता की आवाज़ है। प्रश्नकाल के दौरान माननीय सदस्यों को बोलने नहीं दिया जा रहा है, यह तरीका लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है।” उन्होंने नारेबाजी कर रहे सांसदों को चेताते हुए कहा कि संसद में यह व्यवहार अस्वीकार्य है और इससे लोकतंत्र की मूल भावना आहत होती है।