सिल्वासा. चिकन शॉप में कसाई के रूप में काम करने वाले नाबालिग लड़के ने अमीर बनने की चाहत में 9 साल के बच्चे की हत्या कर दी। उसने शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। बच्चे की सिर कटी लाश मिलने के 12 दिन के अंदर पुलिस ने हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को पकड़ लिया। घटना केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली की है।
नौ साल के एक बच्चे को अगवा कर मारा डाला गया था। हत्यारों ने शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए थे। पुलिस ने बुधवार को बताया कि हत्याकांड की पहेली सुलझाने के लिए जांच में 100 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। पिछले सप्ताह इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था और एक नाबालिग को हिरासत में लिया था। पड़ोसी राज्य गुजरात के वलसाड जिले के वापी में एक नहर में सिर कटा शव मिलने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की थी।
29 दिसंबर को लापता हुआ था बच्चा
पुलिस ने बताया कि सयाली गांव से 9 साल का बच्चा 29 दिसंबर को लापता हो गया था। 30 दिसंबर को सिलवासा पुलिस थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। बच्चे की बरामदगी के लिए पुलिस की कई टीम का गठन किया गया था। इसी दौरान सिर कटी लाश मिलने की जानकारी मिली। शव के डिटेल्स लापता हुए बच्चे से मैच कर गए। शव सिल्वासा से करीब 30 किलोमीटर दूर मिला था।
एक अधिकारी ने कहा कि शव वापी में एक नहर में पाया गया था। वहीं, शव के कुछ टुकड़े सयाली गांव में मिले थे। इसी गांव में अनुष्ठान किया गया था और बच्चे की बलि दी गई थी। शव के टुकड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच के क्रम में पुलिस एक किशोर तक पहुंची थी। पूछताछ के दौरान उस किशोर ने खुलासा किया कि उसने 29 दिसंबर 2022 को सायली गांव से बच्चे को अगवा किया था। उसने अपने साथी की मदद से मानव बलि के रूप में उसकी हत्या कर दी थी।
पुलिस ने हथियार किया बरामद हिरासत में लिए गए किशोर की निशानदेही पर पुलिस ने उस हथियार को बरामद कर लिया, जिससे बच्चे की हत्या की गई थी। उस लड़के ने पुलिस को बताया कि उसके दोस्त शैलेश कोहरा (28) ने बच्चे की बलि देने में मदद की थी। रमेश सांवर नाम का एक व्यक्ति भी इस साजिश में शामिल था। उसने किशोर और शैलेश से कहा था कि मानव बलि अनुष्ठान करने से वे अमीर बन जाएंगे। इसके बाद पुलिस ने शैलेश और रमेश को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी नाबालिग सायली गांव में एक चिकन की दुकान में कसाई का काम करता था। वह गुजरात में तापी जिले के कपराडा तालुका के कर्जन गांव का मूल निवासी है। उसे सूरत के ऑब्जर्वेशन होम में भेज दिया गया है। आगे की जांच की जा रही है।