वाराणसी. कोरोना वायरस के संक्रमण से लोग इतना डरे सहमे हैं. कि दूसरे शहरों से घर आने वाले अपने परिजनों को भी घर आने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. मुंबई से घर लौटे युवक को भी परिजनों ने दरवाजे पर से ही घर के अंदर आने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद युवक अपने नानी के घर में जाकर शरण ली. वाराणसी शहर के गोला दीनानाथ निवासी अशोक मुंबई में एक होटल में काम करता है. लॉकडाउन और मुंबई में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए 20 दिनों से होटल बंद है. अशोक के पास जब कोई विकल्प नहीं बचा. तो मुंबई से वाराणसी अपने घर के लिए पैदल ही चल पड़ा.
करीब 1600 किलोमीटर की यात्रा पैदल करने के बाद रविवार को अशोक पहुंचा. सबसे पहले अशोक अपनी जांच कराने मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा पहुंचा. वहां बहुत देर तक इधर-उधर घूमता रहा. जब जांच नहीं हुई. तो वह दीनदयाल अस्पताल पहुंचा. यहां पर जांच करने के बाद डाक्टरों ने उसे घर में 14 दिनों तक क्वारंटीन रहने की हिदायत दी. इसके बाद वह घर पहुंचा. तो मां ने घर का दरवाजा ही नहीं खोला. युवक घर के बाहर से मिन्नतें करता रहा. लेकिन घरवालों ने उसे अंदर आने नहीं दिया.
घरवालों का कहना था कि अशोक मुंबई से आया है. हो सकता है कि उसे कोरोना हो. इसके अलावा पुलिस भी परेशान करेगी और मुकदमा भी करेगी. इसके बाद परेशान अशोक कतुआपुरा स्थित नानी के घर चला गया. अशोक के मुताबिक लॉकडाउन के बाद भी वह मुंबई में ही कामकाज की तलाश करता रहा. जब कोई काम नहीं मिला. तो दूसरे शहरों के पांच दोस्तों के साथ पैदल ही निकल पड़ा. इस दौरान रास्ते में उसे कई जगह परेशान भी होना पड़ा. कई बार भोजन के लिए भी भटकना पड़ा.