नई दिल्ली: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आज दावा किया है कि देश में कई जगहों पर बादल फटना विदेशी साजिश का नतीजा हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं पता है कि इसमें कितनी सच्चाई है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद के गोदावरी क्षेत्र में आई बाढ़ बादल फटने का नतीजा है। उनके मुताबिक, दूसरे देशों के लोग हमारे देश के कुछ स्थानों पर बादल फटने की घटना को जानबूझकर अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले लेह-लद्दाख में, फिर उत्तराखंड में और अब हमें कुछ रिपोर्टें मिल रही हैं कि वे इसे गोदावरी क्षेत्र में कर रहे है
बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मुलुगु, भुपालपल्ली, कोठागुडम, महबूबाबाद और निर्मल जिला प्रशासनों को बाढ़ राहत सहायता के रूप में तत्काल एक-एक करोड़ रुपये जारी किए जाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री हरीश राव को बाढ़ पीड़ितों के लिए चिकित्सा शिविर स्थापित करने, उनके लिए पर्याप्त दवा और भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है और सभी जिलाधिकारियों को गोदावरी नदी में लगातार जारी बाढ़ के मद्देनजर कुछ और दिन सतर्क रहने को कहा।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद राव ने मंत्रियों, विधायकों, शीर्ष अधिकारियों, विधान परिषद के सदस्यों और जिला जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने गोदावरी में बाढ़ के दौरान लोगों को सुरक्षित रखने और निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए व्यापक सर्वेक्षण करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकारी इस संबंध में सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त इंजीनियरों की सलाह लें।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी में रविवार सुबह बाढ़ के पानी का प्रवाह 25.93 लाख क्यूसेक पर स्थिर रहा। आंध्र प्रदेश जल संसाधन सूचना और प्रबंधन प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार, राजामहेंद्रवरम के पास डोवालेस्वरम में सर आर्थर कॉटन बैराज में पानी के प्रवाह से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पिछले 11 घंटों में 33,000 क्यूसेक से अधिक की वृद्धि हुई।
हालांकि, अगर पड़ोसी तेलंगाना में भद्राचलम से पानी पोलावरम के रास्ते कॉटन बैराज तक पहुंचने के बाद अगले कुछ घंटों में जलस्तर बढ़ सकता है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक बी आर आंबेडकर ने कहा कि कॉटन बैराज में प्रवाह स्थिर रहने से बाढ़ में कमी के संकेत मिल रहे हैं। आंडकर ने कहा, ‘हालांकि, गोदावरी के तटीय इलाकों के लोगों को पानी कम होने तक सतर्क रहने की जरूरत है। हम यहां राज्य आपात अभियान केंद्र से स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।’