केरल. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत के अपने फैसले की समीक्षा के मामले में फैसला सुनाए जाने से पूर्व केरल में राजनीतिक दलों, दक्षिणपंथी संगठनों और श्रद्धालुओं की धड़कनें तेज हो गई हैं.
केरल में पिछले साल शीर्ष अदालत के आदेश को लागू करने के माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार के फैसले को लेकर श्रद्धालुओं और दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध प्रदर्शन से माहौल गर्मा गया था.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अगुवाई वाली एलडीएफ सरकार के लिए भी अहम है क्योंकि बस तीन दिन बाद सबरीमाला में वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू होने जा रही है.
केरल में पथनमथिट्टा जिले के पश्चिमी घाटी पर संरक्षित वनक्षेत्र में स्थित इस पहाड़ी धार्मिक स्थल के द्वार 16 नवंबर की शाम को दो महीने तक चलने वाले मंडलम मकराविलाक्कू के लिए खोले जायेंगे.
इस तीर्थयात्रा मौसम के दौरान कड़ी सुरक्षा होगी. दो महीने की तीर्थयात्रा के दौरान सबरीमला में भगवान अयप्पा के मंदिर और उसके आसपास 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किये जाएंगे.