कहीं विरासत की वसीयत तो नहीं करना चाहते शिवराज… तभी तो पत्नी और दोनों बेटे के साथ पहुंचे पीएम मोदी के पास..

Shivraj Singh Chouhan, Bhopal, Madhya Pradesh, PM Narendra Modi: तीन बार मध्यप्रदेश जैसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के बाद अब शिवराज सिंह को केंद्रीय राजनीति के लिए मोदी कैबिनेट का सदस्य बना लिया गया है. इसके लिए उनको लोकसभा लड़ाया गया और फिर केंद्रीय मंत्री बना दिया गया. ऐसे में उनकी बुधनी विधानसभा सीट खाली हो गई. जब उनको तीन बार सीएम बनाने वाली सीट खाली हो और उनका बेटा राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हो. तो ऐसे में हर पिता की तरह शिवराज सिंह भी अपने विरासत की वसीयत अपने बड़े बेटे के नाम करना चाहते है. तभी तो उन्होंने उपचुनाव के पहले पत्नी और दोनों बेटे कार्तिकेय और कुणाल के साथ देश के प्रधानमंत्री से मुलाकात की है. पर पीएम के आशीर्वाद के पहले ये जान लेना जरूरी है कि शिव जिस कार्तिकेय को अपनी विरासत सौंपने का मन बना चुके हैं. वो कार्तिकेय है कौन. अब तक तक कैसा रहा उसका सार्वजनिक और राजनैतिक जीवन!

img 20241017 wa00302830447732458627674

पढ़ाई और राजनीति

शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय चौहान देश और विदेश में उच्च स्तर की शिक्षा भी ग्रहण कर चुके हैं. उन्होंने पुणे में स्थित सिंबॉयसिस अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से एलएलबी से ग्रेजुएशन किया है, इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए कार्तिकेय अमेरिका गए. वहां के पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने एलएलएम किया. मतलब कार्तिकेय कानून की उच्च स्तरीय शिक्षा लेने के बाद भारत लौटे और अब सक्रिय राजनीति में अपना भविष्य तलाश रहें हैं. गौरतलब है कि कार्तिकेय पुणे में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. मतलब पढ़ाई के साथ साथ राजनीति में उनकी दिलचस्पी पुरानी है.

img 20241017 wa00295330944003158531447

राजनीति में 2013 से सक्रिय

कार्तिकेय चौहान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे हैं. वो 2013 से ही अपने पिता की बुधनी विधानसभा में सक्रिय नजर आ रहे हैं. उन्होंने पहली बार इस विधानसभा में तत्कालीन सीएम पिता शिवराज के चुनाव प्रचार में जमकर पसीना बहाया था. यही वजह है कि 2018 में पिता की बुधनी विधानसभा सीट से कार्तिकेय के चुनाव लड़ने की अटकलें भी तेज हो गई थी. ऐसे में अब जब पिता लोकसभा चुनाव जीत कर केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं, और उनकी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. तो अब एक बार जहां कार्तिकेय के चुनाव लड़ने को लेकर राजनैतिक बाजार गर्म हो गया है. तो दूसरी तरफ खुद शिवराज सिंह चौहान अपनी विरासत को अपने बेटे के नाम वसीयत करने की जोर आजमाइश में लग गए हैं.

व्यापार और क्रिकेट में रुचि

कार्तिकेय चौहान लंबे समय से क्षेत्र के सार्वजनिक और राजनैतिक मंच पर नजर आते रहे हैं. जिसकी वजह से बुधनी विधानसभा में उनके राजनीति में आने की चर्चा भी बहुत दिनों से है. लेकिन कार्तिकेय केवल राजनीति नहीं करते है. वो इसके साथ एक सफल व्यवसाई भी है. कार्तिकेय चौहान सुधामृत नाम के मिल्क प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी भी चलाते हैं. जिसमें विभिन्न तरह के दूध से बने प्रोडक्ट तैयार कर बेचें जाते हैं. इसके अलावा इनका फूलों का भी बिजनेस है. बिजनेस के अलावा कार्तिकेय को क्रिकेट में भी काफी दिलचस्पी है. वो प्रतिवर्ष अपने दादा जी की स्मृति में एक बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट भी कराते हैं.

Diwali Decoration Items: दिवाली के लिए यहां मिलती हैं सबसे सस्ती लाइट और दीए, 100 रुपए से कम में मिल जाएंगी खूबसूरत फैंसी लाइट्स

इंस्पेक्टर की मौत: दिन में 59 मोबाइल के साथ चोर को पकड़ा, रात में फंदे से लटका मिला इंस्पेक्टर का शव, मर्डर की आशंका

Murder Case: पत्नी ने ही अवैध संबंध में रोड़ा बन रहे पति की करवाई हत्या, मौसेरे देवर के प्यार में थी दीवानी; पुलिस ने किया खुलासा