सूरत
अक्सर आपने मंदिर में भगवान को उनके अपने परिधानों में देखा होगा भगवान मगर इस आधुनिक युग में अब भगवान भी समय समय पर अपने वस्त्र नजर आने लगे हैं। हम बात कर रहे है सूरत में स्थित एक भगवान स्वामीनारायण के मंदिर की जहां भगवान भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गणवेश पहन कर संघ के कार्यकर्त्ता के रूप में नजर आए। संघ के परिधान में भगवान का सामने आना चर्चा का विषय बन गया है, लेकिन मंदिर के संत का कहना है कि वो समय-समय पर भगवान को विविध प्रकार के परिधान पहनाते रहते हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है।
सूरत के सरसाना इलाके में स्थित स्वामीनारायण मिशन नाम के इस मंदिर में आए दिन भगवान स्वामीनारायण की प्रतिमा को अलग-अलग वस्त्र पहनाकर सजाया जाता है। मंदिर के इस विशाल प्रांगण में करीबन 20 दिनों तक मंदिर के महंतों की मंजूरी के बाद आरएसएस का एक शिविर चला था, जिसमें तकरीबन 5 हजार से अधिक संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्त्ताओं ने भाग लिया था।
संघ का 20 दिवसीय यह शिविर दो दिन पूर्व ही खत्म हुआ और सोशल मीडिया पर संघ के गणवेश में सुसज्जित भगवान स्वामीनारायण की तस्वीरें वायरल हो गईं। संघ के गणवेश में भगवान स्वामीनारायण की तस्वीरें वायरल होने के बाद मंदिर के कर्ता-धर्ता संत मंगलवार को मीडिया के सामने आए और उन्होंने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उनके मंदिर में आए दिन मौसम या फिर समय के हिसाब से और भक्तों की श्रद्धानुसार भगवान के परिधान बदलते रहते हैं तो संघ का उनके मंदिर के प्रांगण में 20 दिन तक शिविर चला था। इस बीच किसी एक भक्त ने अपनी श्रद्धानुसार संघ के वस्त्र भगवान स्वामीनारायण को पहनाए, उसमें गलत क्या है?
यूं तो भगवान सभी के हैं और सभी भगवान के हैं तो उनको किसी एक संगठन के परिधान पहनाना कितना सही है और कितना गलत ये तो भगवान के भक्त ही तय कर सकते हैं लेकिन आए दिन किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में रहने वाला संघ एक बार फिर भगवान को अपना गणवेश पहनाए जाने से विरोधियों के निशाने पर आ गया है, इसमें कोई दो राय नहीं है।