जोगी के गढ़ में.. जोगी की ही पार्टी मतदान से पहले हो गई.. चुनाव से बाहर!..

जीपीएम..(कृष्णमोहन कुमार)..यह पहला मौका होगा जब छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार..बगैर जोगी के नाम कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में होगा.. ऐसा इसलिए क्योंकि उपचुनाव में नामांकन के स्कूटनी की प्रक्रिया के बाद जेसीसी के चारो प्रत्याशियों का नामांकन रिटर्निंग अधिकारी ने निरस्त कर दिया है..

बता दे प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मरवाही विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ा था..जिसके बाद वे व उनके पुत्र अमित जोगी इस सीट से विधानसभा पहुँचे थे..और दिलचस्प की बात तो यह थी..की जब पूरे प्रदेश में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की लहर थी..तब वे केवल सीनियर जोगी ही थे..जिनकी वजह से मरवाही में कांग्रेस की जमानत भी नहीं बचा पायी थी..लेकिन इसी साल उनके आकस्मिक निधन से यह सीट रिक्त हो गया था..

दअरसल मरवाही उपचुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष की गुंजाइश थी..और लंबे समय से चली आ रही जोगी परिवार के जाति प्रकरण ने आज खुद जोगी परिवार व जोगी की पार्टी जेसीसी को ही उपचुनाव से पृथक कर दिया है..एक ओर उच्चस्तरीय हाईपावर कमेटी ने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया ..तो वही दूसरी ओर अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी का जाति प्रमाण रिटर्निंग आफिसर ने वैधानिक प्रक्रिया का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया..इसी बीच जिन दो प्रत्याशियों ने अपना नामांकन जेसीसी की ओर से भरा उन नामांकन पत्रों में बी फार्म नही होने से उन नामांकन पत्रों को भी अमान्य कर दिया गया..और अब कुल मिलाकर यूं कहें कि जोगी के गढ़ में जोगी की ही पार्टी चुनाव मैदान में नही होगी!..