सीतापुर/अनिल उपाध्याय…विधानसभा चुनाव करीब आते ही क्षेत्र का सियासी पारा अचानक से काफी तेज हो गया हैं। विधानसभा चुनाव में काँग्रेस से टिकट की मांग करते हुए सभी दावेदारों ने एकमत होकर मंगरेलगढ़ में बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने मौजूदा विधायक अमरजीत भगत को आदिवासी विरोधी एवं बाहरी प्रत्याशी बताते हुए संगठन से स्थानीय प्रत्याशी को काँग्रेस से टिकट देने की मांग की हैं। बैठक के दौरान सभी दावेदारों ने कहा कि, अगर संगठन इस बार स्थानीय प्रत्याशी को टिकट नही देती हैं तो आगामी चुनाव में काँग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
विदित हो कि, इस बार विधानसभा चुनाव करीब आते ही काँग्रेसी खेमे में स्थानीय एवं बाहरी प्रत्याशी को लेकर घमासान मचा हुआ हैं। मौजूदा विधायक एवं कद्दावर खाद्यमंत्री अमरजीत भगत को बाहरी प्रत्याशी बता 15 लोगो ने काँग्रेस से टिकट की मांग करते हुए अपनी दावेदारी पेश की हैं। जिसमे फुलसाय लकड़ा राजेश मिंज बिगन राम तिग्गा तेजकुमार बखला शिवभरोष बेक कृष्ण कुमार सिंह मुन्ना टोप्पो डीडीसी बलमदीना मोतीलाल भगत लक्षण लकड़ा जनपद अध्यक्ष शांति देवी डीडीसी अनिमा केरकेट्टा सुशील कुमार सिंह राजकुमार आशा तिर्की ने टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की हैं। कांग्रेस से टिकट की दावेदारी पेश करने वाले सभी 15 प्रत्याशियों ने सरगुजा के दौरे पर आई महिला काँग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था।
उन्होंने स्थानीय एवं बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, मौजूदा विधायक 20 सालो से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। इस बार उनके बाहरी होने को लेकर क्षेत्र में काफी विरोध हैं। इसलिए इस बार मौजूदा विधायक का विरोध देखते हुए स्थानीय प्रत्याशी को कांग्रेस से टिकट दिया जाए। ताकि क्षेत्र में दशकों से चला आ रहा कांग्रेस की जीत इतिहास कायम रहा सके। अगर संगठन स्थानीय प्रत्याशी को टिकट नही देती हैं तो इस बार कांग्रेस को विरोध के साथ हार का मुँह देखना पड़ सकता। विधानसभा चुनाव को लेकर बाहरी एव स्थानीय प्रत्याशियों के बीच मचे खींचातानी के बीच सभी 15 दावेदारों ने मंगरेलगढ़ में अपने समर्थकों संग बैठक आयोजित की। जिसमे उन्होंने स्थानी प्रत्याशी के बजाए बाहरी प्रत्याशी को टिकट मिलने पर विरोध करने की बात कही हैं। इस संबंध में टिकट के दावेदार शिवभरोष बेक ने कहा कि, विगत चार बार से क्षेत्र की जनता ने मौजूदा विधायक को क्षेत्र का विधायक बनाया हैं। उन्होंने 20 साल तक विधायक एवं मंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद भी क्षेत्र पिछड़ापन का अभिशाप झेल रहा हैं। विकास के नाम पर यहाँ केवल बंदरबांट हुआ हैं। टिकट के दूसरे दावेदार मुन्ना टोप्पो ने कहा कि बाहरी प्रत्याशी होने के बाद भी अमरजीत भगत को क्षेत्र ने चार बार विधायक बनने का मौका दिया हैं।
अब स्थानीय लोग चाहते हैं कि क्षेत्र का प्रतिनिधित्व स्थानीय लोग करे। इसलिए संगठन को क्षेत्र के लोगो की मंशा के अनुरूप स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देना चाहिए। ताकि यहाँ से कांग्रेस की जीत का सिलसिला कायम रहा सके। पूर्व पीसीसी सदस्य एवं कांग्रेस के प्रत्याशी रहे फुलसाय लकड़ा ने कहा कि, वर्तमान विधायक आदिवासी विरोधी एवं बाहरी प्रत्याशी हैं। इन्होंने विधायक रहते हुए भी आदिवासियों के हित के लिए कभी कोई काम नही किया हैं। इनके कार्यकाल में क्षेत्र के आदिवासी अधिकारी कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधियों का केवल अपमान ही हुआ हैं। मंत्री बनने के बाद इन्होंने सरकार में जितनी भी संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां करवाई हैं। वो सब के सब बाहरी लोग हैं जिनका इस क्षेत्र से कोई लेना देना नही हैं। आदिवासी मंत्री होने के बाद भी स्थानीय आदिवासीयो को इन्होंने सरकार में नियुक्ति नही दिलाई है जो क्षेत्र के सभी आदिवासियों का अपमान हैं। इनके सहयोग से इनके चहेतों ने मिलकर हजारों एकड़ शासकीय भूमि का घोटाला किया हैं। खाद्यमंत्री के कार्यकाल में सरकारी जमीन के जितने घोटाले हुए हैं। उतना जमीन घोटाला आज तक के इतिहास में कभी नही हुए हैं। मैनपाट बतौली सीतापुर में करोड़ो रूपये के जमीन घोटाले की जांच की मांग किये जाने के बाद भी मंत्री के इशारे पर सारा मामला दबा दिया गया। इसके अलावा आदिवासी सरपंचों को अविश्वास प्रस्ताव का भय दिखाकर इनके चहेतों द्वारा पंचायतों में भ्रष्ट तरीके से निर्माण कार्य किये गए। जिससे पूरे विधानसभा के सरपंचों में इनके प्रति नाराजगी देखी जा रही हैं। इसके अलावा मंत्री द्वारा जरूरतमंद लोगो के बजाए अपने चापलूसों को स्वेच्छा अनुदान की राशि देकर उनकी जेब भरने का काम किया हैं। विकास के नाम पर क्षेत्र के साथ मंत्री ने केवल छलावा किया हैं। इसके अलावा अन्य कई ऐसे कार्य जिसके चलते क्षेत्र की जनता मौजूदा विधायक एवं खाद्यमंत्री को से नाराज चल रही हैं।
इस बार अगर मौजूदा विधायक को टिकट दी जाती है तो दशकों से चली आ रही कांग्रेस की जीत का सिलसिला थम जायेगा। इसलिए क्षेत्र की भावनाओं को देखते हुए स्थानीय प्रत्याशी को टिकट दिया जाए। ताकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का सिलसिला जारी रह सके। इस बैठक के दौरान विधानसभा क्षेत्र से काफी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के अलावा अन्य वर्ग के लोग भी उपस्थित थे।