Chhattisgarh Assembly Election: छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को होने में महज़ कुछ दिन का समय बाकी हैं। ऐसे में नेतागण अपने एसी गाड़ी और बंगले से बाहर निकल कर लोगों से हाथ-पांव जोड़ रहे हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के प्रेमनगर विधानसभा सीट से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी क्षेत्र के जनता से जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत् मिल रहे हैं। बता दें कि, भाजपा ने प्रदेश के 21 कमज़ोर सीटों के लिए अपना उम्मीदवार की घोषणा कर दी हैं। जिसमें प्रेमनगर विधानसभा के लिए भाजपा ने भूलन सिंह मरावी को प्रत्याशी बनाया हैं। जबकि, सत्ता दल पार्टी से प्रत्याशी का अभी भी इतंजार हैं। प्रेमनगर विधानसभा सीट में सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस में होता रहा हैं। लेकिन, अब तीसरा पार्टी के रूप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उभर कर सामने आया हैं।
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गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयनाथ सिंह केराम सुरजपुर जिले के प्रेमनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। जिसकी तैयारी उन्होंने शुरू कर दी हैं। गोंगपा उम्मीदवार अपने कार्यकर्ताओं के साथ 22 सितंबर दिन शुक्रवार को जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत् सूरजपुर जिले के प्रेमनगर ब्लॉक के तक़रीबन 10 ग्राम पंचायतो के जनता के बीच पहुंचे और इस बार आरी छाप में वोट डालकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधायक बनाने के अपील की हैं। इसमें महंगई, दुर्गापुर, कालीपुर, श्यामपुर, उमेश्वरपुर, टाकेश्वरपुर, बकालो, नमना, वृंदावन, लक्ष्मीपुर, जयपुर और पार्वतीपुर शामिल हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जनसंपर्क अभियान के तहत् गोंगपा प्रत्याशी जयनाथ सिंह केराम उक्त क्षेत्र के जानता के बीच जाकर अपनी बात रखें। गोंगपा प्रत्याशी केराम 2018 विधानसभा का भी चुनाव लड़ें और हार का सामना करना पड़ा था। जिसमें केराम को लगभग 26 हजार वोट मिले थे, कांग्रेस और भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर रहे।
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आपको बता दें कि, सूरजपुर जिले के प्रेमनगर विधानसभा सीट भले ही सामान्य सीट हैं। लेकिन, यहां प्रमुख दल की पार्टी आदिवासी वर्ग से ही अपना प्रत्याशी घोषित करता हैं। चुकी क्षेत्र में आदिवासियों की बहुलता हैं। बात करें 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तुलेश्वर सिंह को और भाजपा ने रेणुका सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था। जिसमें रेणुका सिंह ने तुलेश्वर सिंह को हराकर जीत दर्ज की थी। वहीं, 2008 में भाजपा ने फिर रेणुका सिंह को चेहरा बनाया और कांग्रेस से नरेश राजवाड़े को उतारा। यहां रेणुका सिंह ने फिर जीत दर्ज की। इसके बाद 2013 में भाजपा के रेणुका सिंह और 2018 में भाजपा प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह को हराकर खेलसाय सिंह ने लगातार दो बार विधायक बने हैं। मतलब छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद जितने भी चुनाव हुआ उसमें आदिवासी समाज के ही नेता चुनाव जीता हैं।
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