अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाके सरगुजा संभाग में भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान हर रोज 40 डिग्री से पार हो रहा है। ऐसे में हिट वेव से बचने के लिए लोग अपने घरों के कम निकल रहे है। शाम के वक्त पार्क, स्टेडियम में वॉकिंग करते देखे जा रहे हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि तेज धूप ने ज्यादातर धूप में नहीं रहना चाहिए। इससे लू लगने की संभावना बनी रहती हैं। वहीं इस तपती गर्मी में गर्भवती महिलाओं को भी विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए। ताकि खुद के साथ उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य को कोई नुकसान ना पहुंचे।
गर्भवती महिलाओं को लू लगने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो गर्भवती महिलाओं को ध्यान में रखनी चाहिए।
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी): अधिक तापमान में संपर्क में आने से गर्मी और डिहाइड्रेशन से गर्भवती महिलाओं की तबीयत बिगड़ सकती है। शरीर में पानी की कमी गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है।
लू के दौरान अत्यधिक तापमान: लू की वजह से समय से पहले लेबर पेन, डायबिटीज, और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है। जिसकी वजह से प्रीमैच्योर डिलीवरी और मिसकैरिज का खतरा बढ़ जाता है।
ग्रहण के दौरान बाहर न जाने की सलाह: भारत में ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर न जाने की सलाह दी जाती है। यह उनकी सुरक्षा के लिए किया जाता है, जिससे वे अधिक तापमान से बच सकें।
गर्भवती महिलाओं को गर्मी के मौसम में उपयुक्त धूप से बचने के लिए उपायों का पालन करना चाहिए। यह सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आपको और अधिक जानकारी चाहिए, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।
गर्मी के मौसम में प्रेग्नेंट महिलाओं को अपनी डाइट में विशेष ध्यान देना चाहिए। यहां कुछ सुझाव हैं जो गर्भवती महिलाएं अपने आहार में शामिल कर सकती हैं:
हाइड्रेटेड रहें: गर्मी के दिनों में सबसे जरूरी है कि गर्भवती महिला खुद को हाइड्रेट रखें। दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। फलों और सब्जियों के जूस भी अच्छे विकल्प हैं।
स्वस्थ आहार: डाइट में फल, सब्जियां, जूस, कार्बोहाइड्रेट्स (पास्ता और आलू), प्रोटीन (दाल, मछली, अंडा, मांस, दूध, दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स) और वसा को शामिल करें।
स्पाइसी चीजों से दूर रहें: गर्मी के दिनों में स्पाइसी फूड खाने से तबीयत बिगड़ सकती है, इसलिए कोशिश करें कि आप इन्हें कम खाएं।