पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज-सुधार अभियान पर निकले हैं. पहले इस अभियान का नाम समाज सुधार यात्रा दिया गया था. लेकिन बाद में इसे परिवर्तित कर समाज सुधार अभियान कर दिया गया. इसके तहत शराबबंदी सहित कई मुद्दों को लेकर लोगों के बीच सीएम जा रहे हैं. इस दौरान सरकार के संबंधित मंत्री अपने क्षेत्र में मौजूद रहते हैं. इसके साथ ही बिहार सरकार के आला-अधिकारी भी मौजूद रहते हैं. पिछले दिनों बिहार के डीजीपी एसके सिंघल का एक बयान काफी तेजी से वायरल हुआ. उन्होंने बताया था कि जो लड़कियां अपने परिवार के मत के बिना शादी करती हैं उन्हें देह व्यापार में ढकेल दिया जाता है.
समस्तीपुर में बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने समाज सुधार अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज की जो बुराईयां हैं चाहे वो बाल विवाह हो या दहेज की समस्या है. चाहे नशामुक्त समाज की संरचना है. इन सभी में समाज के समस्त तबके की भागीदारी के बिना ये काम नहीं हो सकता है. उसके अंदर भी जो हमारी महिलाएं हैं, हमारी बहनें-बेटियां हैं. उन्हें अगर हम अच्छे तरीके से पढ़ाएं-लिखाएंगे नहीं, उनके प्रति आदर भाव नहीं रखेंगे और मान-सम्मान नहीं करेंगे तो ये काम कभी हो नहीं पाएगा.
बिहार डीजीपी ने इस दौरान कहा कि हमारी जो बच्चियां हैं जब वो स्कूल-कॉलेज में पढ़ने जाती हैं तो उन्हें भी बहुत तरह की समस्याएं आती हैं. उन समस्याओं के निराकरण करने का एक छोटा तरीका मैं आपके सामने रखता हूं. हमारी बेटी स्कूल से चली, घर पहुंची की नहीं पहुंची, वहां पढ़ाई की या नहीं, उसे होमवर्क दिया गया या नहीं. स्कूल-कॉलेज से वापस आकर वो खुश रह रही है या नहीं रह रही है. उसे कोई परेशान तो नहीं कर रहा, वो किन लोगों के साथ उठ-बैठ रही है. इन सबका ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
बिहार के डीजीपी ने कहा कि आजकल ऐसी बड़ी समस्या सामने आ रही है. हमने ऐसे मामले देखें हैं. जहां लड़कियों ने माता-पिता की सहमति के बिना शादी के लिए घर छोड़ दिया. उसके इतने दुखद परिणाम निकलते हैं. कई की हत्या कर दी जाती है. जबकि कई तो वेश्यावृत्ति में भी पहुंच जाती हैं. इनका कोई ठिकाना नहीं रहता. एसके सिंघल ने माता-पिता को ये सलाह भी दी कि अपने बच्चों से लगातार बात करते रहें और उन्हें अच्छे संस्कार दें.