कोरोनाकाल में जिन बच्चों ने माता-पिता खो दिया है। उन बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को ‘बाल सेवा योजना’ की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो आंकड़े सामने आए उनमें मार्च 2020 से अब-तक 240 बच्चे ऐसे थे, जिन्होंने माता-पिता दोनों को कोरोना के कारण खोया दिया है। 3,810 बच्चों ने माता, पिता या लीगल गार्जियन को खोया है। कुल 4050 बच्चे चिन्हित किए गए। इन बच्चों के लिए आज पहले 3 महीने का यानी हर बच्चे को 4000 रुपए हर माह राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। 18 वर्ष की उम्र तक राज्य सरकार उनके लालन-पालन की व्यवस्था करेगी।
सीएम योगी ने कहा कि वे बच्चे जिनके माता पिता या लीगल गार्जियन नहीं हैं तो उन्हें बाल संरक्षण गृह में या फिर हर कमिश्नरी मुख्यालय में हमारे 18 अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं। यहां हम प्रदेश के उन सभी बच्चों को लेकर आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 के बाद भी अगर कोई महिला निराश्रित हुई है और पति या अपने लीगल गार्जियन को खो दी है तो उस महिला को भी हम एक नई स्कीम के साथ जोड़कर शासन की योजनाओं से आच्छादित कर सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार एक नई स्कीम लेकर आने वाली है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय युवा लड़कियों की शिक्षा का ख्याल रखेगा। शादी की उम्र में लड़कियों को राज्य द्वारा 1,01,000 रुपए मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि पहली लहर में ही पीएम ने कई लोगों के लिए मुफ्त राशन, सिलेंडर आदि समेत कई योजनाओं की घोषणा की थी। दूसरी लहर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर परिवार को सुविधाएं मिलीं। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को भी बढ़ाया गया। पीएम ने सभी राज्यों को विशेष रूप से बच्चों के लिए एक योजना शुरू करने की सलाह दी। यह उन बच्चों को पूरा करता है, जिन्होंने अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावकों को कोविड को खो दिया है। योजना को पीएम केयर्स फंड से जोड़ा जाएगा।