उड़ीसा. कोरोना वायरस से बचाव के लिए दुनियाभर में कई डॉक्टरों को समर्पित होकर काम करते देखा जा रहा है. लेकिन इस उड़ीसा के संबलपुर जिले के एक डॉक्टर ने काम और कोरोना पीड़ितों के प्रति अपने समर्पण की बड़ी मिसाल पेश की है.
दरअसल संबलपुर में असिस्टेंट डिवीजनल मेडिकल ऑफिसर अशोक दास कि 80 साल की मां का 17 मार्च को देहांत हो गया था. लेकिन इसके बावजूद वे अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए लोगों के बीच कोरोना को लेकर जागरुकता फैलाने पहुंचे.
उन्होंने जिले में कई बैठकों में भाग लिया, जहां उन्होंने मजदूरों और किसानों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए उपायों के बारे में जागरूक किया. बाद में शाम को, वह घर लौट आए और परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में अपनी मां का अंतिम संस्कार किया.
दास ने कहा कि लोगों की सेवा करना व्यक्तिगत छुट्टी लेने से अधिक महत्वपूर्ण था. यहां तक कि अगर नुकसान व्यक्तिगत था, तो मेरा कर्तव्य पूरे समाज के लिए है.