नई दिल्ली. वो दिन दूर नहीं जब जर्मनी और चीन के बाद भारत में भी हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें दौड़ने लगेगी। भारत में इसी साल के अंत तक हाइड्रोजन ट्रेनों का संचालन होने लगेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाइड्रोजन ट्रेनों के संचालन को लेकर कहा कि इस साल के अंत तक भारत में ये ट्रेनें पटरी पर दौड़ने लगेगी। इसे लेकर तैयारियां जोरों से चल रही है। रेलवे इस साल के अंत तक अपने नैरो गेज धरोहर मार्गों पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों की शुरुआत करने का ऐलान किया है।
ये ट्रेनें पूर्णतय प्रदूषण मुक्त होगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि ये ट्रेन चीन और जर्मनी में चलने वाली ट्रेन की तर्ज पर होंगी। रेलवे प्रायोगिक परीक्षण के तौर पर नॉर्थन रेलवे वर्कशॉप में हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन का मॉडल तैयार कर रहा है। ये ट्रेनें स्वदेशी होगी। मई-जून तक इसका डिजाइन भी सामने आ जाएगा। इसका परीक्षण हरियाणा में सोनीपत-जींद रेल खंड पर किया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि हम दिसंबर 2023 से धरोहर मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेन शुरू करेंगे। इसका मतलब यह होगा कि ये धरोहर मार्ग पूरी तरह से हरित हो जाएंगे। दुनिया भर में, डीजल से चलने वाले इंजनों को हाइड्रोजन चालित इंजनों से बदलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पूर्ण विद्युतीकरण मुश्किल या महंगा है और यह उत्सर्जन-मुक्त एवं आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी विकल्प है। जर्मनी में हाइड्रोजन ट्रेन का परीक्षण 2018 से किया जा रहा है वहीं चीन ने भी हाल ही में एशिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन शुरू की है। भारत में धरोहर रेल खंडों पर ट्रेन मुख्य रूप से डीजल पर चलती हैं। हाइड्रोजन ट्रेनों की मदद से प्रदूषण को भी कंट्रोल किया जा सकेगा।